पन्ना, मध्यप्रदेश में हीरे की खदानों की प्रसिद्धि एक दशक से भी ज्यादा समय से है। यहां के किसान और मजदूर कई बार अपने खेतों से लाखों रुपये का हीरा निकालते हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि इन खदानों से हीरा निकालने के लिए जमीन को पट्टे पर कैसे लिया जाता है? यह प्रक्रिया पूरी तरह से सरकारी नियमों और खनन कानूनों पर आधारित होती है।
हीरा खनन के लिए पट्टे पर जमीन लेने की प्रोसेस
अगर आप पन्ना में हीरा खनन के लिए जमीन प्राप्त करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको हीरा कार्यालय से सरकारी पट्टा प्राप्त करना होता है। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाने होते हैं-
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1. आवेदन पत्र भरना: आपको हीरा कार्यालय में निर्धारित आवेदन पत्र भरना होता है। इसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी, जमीन का नक्शा और खनन योजना (mining plan) की जानकारी शामिल होती है।
2. दस्तावेज़: आवेदन पत्र के साथ दो पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, चालान रसीद जैसी जरूरी जानकारी देनी होती है।
3. खर्च और शुल्क: आपको 200 रुपये का चालान पन्ना जिला हीरा कार्यालय में जमा करना होता है।
4. भूमि की जांच: आवेदन के बाद संबंधित पटवारी और अन्य सरकारी विभागों द्वारा भूमि की जांच की जाती है और उनका अभिमत लिया जाता है।
5. क्षेत्र आवंटन: यदि सभी स्वीकृतियां मिल जाती हैं, तो 8x8 मीटर का क्षेत्र आपको हीरा खनन के लिए आवंटित किया जाता है।
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हीरे की नीलामी और बिक्री प्रक्रिया
हीरा निकालने के बाद उसे पन्ना के संयुक्त कलेक्ट्रेट स्थित हीरा कार्यालय में जमा किया जाता है। यहां...
जांच और वजन: हीरे का सही वजन और जांच की जाती है।
नीलामी: इसके बाद हीरे की नीलामी होती है और सबसे अधिक कीमत देने वाले को हीरा सौंप दिया जाता है।
रॉयल्टी: नीलामी से प्राप्त राशि पर 12% रॉयल्टी (11% रॉयल्टी और 1% TDS) काटी जाती है और बाकी की राशि हीरा धारक को मिल जाती है।
निजी भूमि पर भी एनओसी जरूरी
सरकार ने कुछ नियमों में बदलाव किए हैं। अब निजी भूमि पर भी हीरा खनन के लिए वन विभाग की अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) आवश्यक है। यदि वन विभाग से NOC नहीं मिलता है, तो राजस्व विभाग या निजी भूमि पर हीरा खदान का पट्टा नहीं मिलेगा।