सर्वाइकल कैंसर वैक्सीनेशन: बजट की बड़ी घोषणा 20 महीने से कोमा में, RTI ने खोला लेटलतीफी का राज

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में एचपीवी वैक्सीन की घोषणा की थी। यह वैक्सीनेशन किशोरियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए था। इसे अब तक लागू नहीं किया गया है।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2024 में एचपीवी वैक्सीनेशन योजना का ऐलान किया था। यह महिलाओं की सेहत के लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में मौत का दूसरा बड़ा कारण है। लेकिन 20 महीने बाद भी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

मध्य प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने स्वास्थ्य मंत्रालय से RTI लगाकर इसकी जानकारी मांगी थी। मंत्रालय की तरफ से उन्हें 23 अक्टूबर 2025 को जवाब दिया गया। मंत्रालय ने कहा कि अब तक इस महत्वाकांक्षी वादे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। 

फाइलों में फंसी जिंदगी बचाने की पहल

आरटीआई से सामने आया कि एचपीवी वैक्सीन कार्यक्रम को लागू करने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। मंत्रालय ने स्वीकार किया कि इस योजना से जुड़ी कोई भी फाइल मूवमेंट नहीं की गई है। 

वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू करने के लिए कोई बैठक या ज्ञापन तैयार नहीं किया गया है। किसी वैक्सीन कंपनी के साथ कोई समझौता नहीं हुआ है। न ही इस योजना के लिए कोई बजट या खर्च का रिकॉर्ड है।

मंत्रालय ने केवल इतना बताया कि एचपीवी वैक्सीन अभी तक किसी टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा नहीं है। केवल चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया है। यह सब दर्शाता है कि पॉलिसी बनाने के बाद इसे लागू करने में कोई रूचि नहीं ली गई।  

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भारत में सर्वाइकल कैंसर

दूसरा सबसे आम कैंसर: भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर है।

WHO की रिपोर्ट: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, विश्व के कुल सर्वाइकल कैंसर मामलों की मौतों का लगभग 23% भारत में होता है।

रोजाना मौतें: विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में लगभग 200 महिलाएं रोज़ाना इस बीमारी से जान गंवाती हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा, घोषणा चुनावी वादा

मध्यप्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने RTI लगाकर इस मामले का खुलासा किया है। चंद्रशेखर का कहना है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच रही है। यह केन्द्र सरकार की वादाखिलाफी को दिखाता है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या यह घोषणा बिना तैयारी के सिर्फ चुनावी वादे के लिए की गई थी। 

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एचपीवी वैक्सीन को मिल चुकी है मंजूरी

स्वदेशी एचपीवी वैक्सीन 'सर्वावैक' (Cervavac) को अब मेडिकल मंजूरी मिल चुकी है। अगर भारत को 2030 तक सर्वाइकल कैंसर को खत्म करने का लक्ष्य पूरा करना है, तो अब ठोस कदम उठाने होंगे। सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए एचपीवी वैक्सीन एक बेहद असरदार तरीका है। हर साल इस वैक्सीनेशन में देरी से लाखों लड़कियां और महिलाएं सर्वाइकल कैंसर का शिकार हो रही हैं। अगर यह कार्यक्रम समय पर शुरू होता, तो हर साल हजारों जिंदगियां बचाई जा सकती है। 

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