हमारे शरीर को लगभग 36 से 37 लाख करोड़ कोशिकाएं मिलकर बनाती हैं। प्रत्येक कोशिका का काम अलग होता है, उसकी विशेषताएं अलग होती हैं, और उसका जीवन चक्र भी अलग होता है। ये कोशिकाएं ऊर्जा (energy) प्रदान करती हैं, उम्र के साथ ढलती हैं और फिर नया जीवन देती हैं। अब वैज्ञानिक इन सभी कोशिकाओं का नक्शा (map) बनाने में जुटे हैं, ताकि हम समझ सकें कि इन कोशिकाओं से जुड़ी समस्याएं (diseases) और बीमारियां (illnesses) कैसे रोकी जा सकती हैं और विकास (growth) और प्रतिरोधक क्षमता (immune system) को बेहतर बनाया जा सकता है।
वैज्ञानिक बना रहे कोशिकाओं का एटलस
इन कोशिकाओं का नक्शा या एटलस बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वैज्ञानिकों का उद्देश्य हर एक कोशिका का पूरा डेटा इकट्ठा करना है, ताकि हम बेहतर तरीके से समझ सकें कि हर कोशिका का काम क्या है और वह हमारे शरीर में किस प्रकार काम करती है। इस प्रक्रिया के माध्यम से हम कोशिकाओं से जुड़ी बीमारियों, जैसे कैंसर, हृदय रोग और अन्य संबंधित विकारों को बेहतर तरीके से रोक सकते हैं।
10 करोड़ कोशिकाओं का डेटा जुटाया
अब तक वैज्ञानिकों ने 10 करोड़ कोशिकाओं (cells) का डेटा एकत्रित कर लिया है, जो विभिन्न देशों (countries) और उनकी भौगोलिक स्थितियों से लिया गया है। इन कोशिकाओं की डिटेल्स 100 देशों के लगभग दस हजार लोगों के शरीर से ली गई हैं, ताकि अलग-अलग जगहों पर रहने वाले लोगों के शरीर में मौजूद समानताओं और भिन्नताओं को समझा जा सके। इसके अलावा, इस डेटा का उपयोग यह समझने के लिए किया जाएगा कि उनकी जेनेटिक बैकग्राउंड (genetic background) और भौगोलिक स्थिति के आधार पर उनकी कोशिकाओं का कार्य कैसे बदलता है।
2026 तक तैयार होगा ह्यूमन सेल एटलस
वैज्ञानिकों का कहना है कि केवल दो साल बाद, यानी 2026 तक, ह्यूमन सेल एटलस (Human Cell Atlas - HCA) तैयार हो जाएगा। इस एटलस में हर कोशिका की पहचान, स्थान और कार्य की जानकारी होगी, और यह जानकारी शरीर के अलग-अलग उम्र के पड़ावों पर आधारित होगी। यह नक्शा शरीर के विकास (development) से लेकर बुजुर्गावस्था तक की सभी कोशिकाओं के कार्यों को समझने में मदद करेगा। इस शोध के बाद और भी रिसर्च (research) की जाएगी, ताकि इंसानों को लंबा और स्वस्थ जीवन (long and healthy life) दिया जा सके।
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गूगल मैप की तरह इंसानी शरीर का नक्शा
HCA के फाउंडिंग को-चेयर अवीव रेगेव (Aviv Regev) ने कहा कि यह नक्शा इंसानी शरीर के पारंपरिक नक्शे से एकदम अलग होगा। इसे एक एडवांस गूगल मैप (Google Map) की तरह तैयार किया जाएगा, जो इंसान के शरीर को समझने के लिए और भी अधिक विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।
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आखिरकार, इंसान को क्या मिलेगा?
इस योजना के सफल होने के बाद, वैज्ञानिकों का मानना है कि इंसान को अमरता (immortality) या लंबी उम्र के साथ बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है। एक बेहतर और स्वस्थ जीवन जीने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं, क्योंकि इस नक्शे से कोशिकाओं के कार्य को समझकर बेहतर उपचार विकसित किए जा सकते हैं।
जानें कौन हैं अवीव रेगेव?
अवीव रेगेव (Aviv Regev) एक प्रमुख इजरायली वैज्ञानिक और ह्यूमन सेल एटलस (Human Cell Atlas - HCA) परियोजना की फाउंडिंग को-चेयर हैं। वह बायोलॉजिकल डेटा के विश्लेषण और जीवविज्ञान (biology) में अनुसंधान (research) के क्षेत्र में एक विशेषज्ञ मानी जाती हैं। उनका शोध जीनोमिक्स (genomics), प्रोटिओमिक्स (proteomics), और सेलुलर बायोलॉजी (cellular biology) पर केंद्रित है।
ह्यूमन सेल एटलस में योगदान
अवीव रेगेव के नेतृत्व में, ह्यूमन सेल एटलस परियोजना का उद्देश्य मानव शरीर में मौजूद प्रत्येक कोशिका के कार्य, स्थान और विशेषताओं का एक विस्तृत नक्शा तैयार करना है। यह परियोजना वैज्ञानिकों को कोशिकाओं के कार्यों को समझने, बीमारियों की पहचान करने और बेहतर उपचार विकल्प विकसित करने में मदद करेगी। इसके माध्यम से, कोशिकाओं की संरचना और उनके कार्यों की पूरी जानकारी हासिल की जाएगी, जिससे मानव शरीर को समझने का तरीका पूरी तरह से बदल सकता है।
ह्यूमन सेल एटलस का भविष्य
ह्यूमन सेल एटलस का उद्देश्य न केवल कोशिकाओं के कार्यों का नक्शा बनाना है, बल्कि यह यह भी सुनिश्चित करना है कि मानव शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाले परिवर्तनों और रोगों को पहचानने और उपचार करने में मदद मिले। Aviv Regev इस परियोजना के माध्यम से कोशिका-आधारित चिकित्सा (cell-based therapies) और व्यक्तिगत चिकित्सा (personalized medicine) की दिशा में नई क्रांति लाने की उम्मीद रखते हैं।
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