IAS Pooja Disability Certificate Controversy : महाराष्ट्र की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर UPSC में सिलेक्शन को लेकर काफी चर्चा में हैं। ट्रेनी आईएएस पूजा खेड़कर पर आरोप लगा है कि उन्होंने UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में PwBD (पर्सन विद बेंचमार्क डिसेबिलिटी) श्रेणी के तहत हिस्सा लिया और फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है। यह दिव्यांगता प्रमाण पत्र यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल से 24 अगस्त 2022 को जारी किया गया था।
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दिव्यांगता प्रमाण पत्र में उन्हें केवल 7% दिव्यांगता बताई गई है। यह बेंचमार्क के अंतर्गत नहीं आती। PwBD श्रेणी के तहत किसी भी अभ्यर्थी को 40% या उससे अधिक की दिव्यांगता होनी चाहिए, तभी वह आरक्षण और अन्य लाभ के योग्य माना जाता है।
पूजा खेड़कर ने मानसिक दिव्यांगता और दृष्टिबाधित होने के दो प्रमाण पत्र जमा किए थे। आइए जानते हैं UPSC की परीक्षा में दिव्यांगता प्रमाण पत्र हासिल करने का पैरामीटर क्या है और अभ्यर्थी को कितनी छूट मिलती है...।
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में दिव्यांग अभ्यर्थियों को कई तरह की छूट और सुविधाएं मिलती हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- उम्र सीमा में छूट: दिव्यांग अभ्यर्थियों को अधिकतम उम्र सीमा में 10 वर्ष की छूट मिलती है।
- परीक्षा के प्रयासों में छूट: दिव्यांग अभ्यर्थी अपनी उम्र सीमा तक कितने भी बार परीक्षा दे सकते हैं।
- परीक्षा केंद्र: परीक्षा केंद्र उनके वर्तमान पते के नजदीक रखा जाता है।
- अतिरिक्त समय: प्रत्येक पेपर के लिए एक घंटे का अतिरिक्त समय मिलता है।
- राइटर सुविधा: दृष्टि बाधित अभ्यर्थी परीक्षा में राइटर ले सकते हैं।
- अलग मेरिट लिस्ट: दिव्यांग अभ्यर्थियों की अलग मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है।
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ये हैं दिव्यांगता प्रमाण पत्र के पैरामीटर
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत 40% या उससे अधिक दिव्यांगता वाले अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिलता है। इसके लिए अभ्यर्थी के पास दिव्यांगता प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।
UPSC में दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए रिक्तियां
UPSC अधिसूचना, 2023 के अनुसार बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्तियों के लिए 37 रिक्तियां आरक्षित हैं। इनमें विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता जैसे अंधापन, कम दृष्टि, बहरापन, सेरेब्रल पाल्सी, कुष्ठ रोग से ठीक हुए, बौनापन, एसिड अटैक पीड़ितों और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसी श्रेणियों के लिए रिक्तियां शामिल हैं।
चयनित दिव्यांग अफसरों की सेवाएं
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को IPS, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स और दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पुलिस सेवा (DANIPS) में चयन के लिए UPSC में आवेदन जमा करने की अनुमति दी गई है। साल 2018 से 2022 तक कुल 108 दिव्यांग अफसरों का चयन हुआ है।
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दिव्यांगता की जांच
IAS में चयन के लिए UPSC से मान्य मेडिकल बोर्ड द्वारा दिव्यांगता की दोबारा जांच की जाती है। बोर्ड यह भी तय कर सकता है कि दिव्यांगता कितनी अवधि तक रह सकती है।
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