भारत में 1 प्रतिशत आबादी के पास 40 प्रतिशत संपत्ति, देश में बढ़ रही आर्थिक असमानता, जानें किसके पास है कितनी संपत्ति

भारत में आर्थिक असमानता पिछले 100 सालों में सबसे अधिक बढ़ी है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में सिर्फ एक प्रतिशत अमीरों के पास ही देश की 40 प्रतिशत संपत्ति है ।

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Sandeep Kumar
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देश में बढ़ रही आर्थिक असमानता

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BHOPAL. भारत ( India ) में 2000 के दशक की शुरुआत से आर्थिक असमानता (  Economic inequality ) लगातार बढ़ रही है।  एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 में देश की सबसे अमीर एक प्रतिशत आबादी की आय में हिस्सेदारी बढ़कर 22.6 प्रतिशत हो गई है।  वहीं संपत्ति में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 1922 से लेकर अब तक भारत में सबसे आर्थिक समानता सबसे अधिक हो गई है।  यानी पिछले 100 सालों में असमानता सबसे अधिक हो गई है।  भारत में आमदनी और संपदा में असमानता वाली रिपोर्ट कहती है कि 2014-15 और 2022-23 के बीच शीर्ष स्तर की असमानता में वृद्धि विशेष रूप से धन के केंद्रित होने से पता चलती है।

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किसने तैयार की है ये रिपोर्ट

यह रिपोर्ट पेरिस स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स ( Paris School of Economics ) के लैबथॉमस पिकेटी, हार्वर्ड कैनेडी स्कूल एंड वर्ल्ड के लुकास चांसल और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब के नितिन कुमार भारती ने तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार- 2022-23 तक सबसे अमीर एक प्रतिशत लोगों का आय और संपदा में हिस्सा ऐतिहासिक उच्चस्तर क्रमश: 22.6 प्रतिशत और 40.1 प्रतिशत पर था। भारत की शीर्ष एक प्रतिशत आमदनी हिस्सेदारी दुनिया में सबसे अधिक है। यह दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और अमेरिका से भी अधिक है।

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भारत में आर्थिक आंकड़ों की गुणवत्ता में गिरावट

रिपोर्ट में कहा गया कि शुद्ध संपत्ति के नजरिए से भारतीय आयकर प्रणाली प्रतिगामी (  Indian income tax system is regressive ) नजर आती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आर्थिक आंकड़ों की गुणवत्ता काफी खराब है और हाल ही में इसमें गिरावट देखी गई है। इसमें कहा गया है कि भारत में सबसे अमीर एक प्रतिशत आबादी का आमदनी में हिस्सा ऊंचे स्तर पर है। यह संभवत: सिर्फ पेरू, यमन और कुछ अन्य देशों से ही कम है।

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देश में बढ़ रही आर्थिक असमानता 

बता दें कि आर्थिक असमानता (  Economic inequality )  को लेकर आएदिन देश में काफी बहस भी होती रही है कि देश में आर्थिक असमानता बढ़ती जा रही । देश में अमीर और गरीब के बीच खाई कम नहीं हुई बल्कि बढ़ी ही है। देश में एक छोटे से वर्ग के पास संपत्ति बहुत अधिक है, जबकि बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है जो दो वक़्त के खाने के लिए भी संघर्ष कर रहा है।

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