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2 अप्रेल यानी आज का दिन भारत के लिए कई मायनों में खास रहने वाला है। देश की निगाहें जहां संसद में पेश होने जा रहे वक्फ संशोधन बिल पर लगी हुई हैं, तो दूसरी ओर अमेरिका यानी डोनाल्ड ट्रम्प की मनमर्जियां आज से लागू हो जाएंगी। मनमर्जियां यानी भारत से निर्यात किए जाने वाले सामान पर टैरिफ शुल्क में बढ़ोतरी। व्हाइट हाउस ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2 अप्रैल को घोषित किए जाने वाले रेसिप्रोकल टैरिफ (प्रतिसंवेदनात्मक शुल्क) तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएंगे। आइए समझते हैं दोनों मामलों की गंभीरता…
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देश की नजर संसद पर, 8 घंटे मैराथन बहस
2 अप्रेल को भारत की संसद में वक्फ संशोधन बिल (Wakf Amendment Bill) पर जोरदार बहस होने वाली है। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू इस बिल को सदन में पेश करेंगे। प्रश्नकाल (Question Hour) के बाद यह बिल लोकसभा में आज (2 अप्रैल) दोपहर 12 बजे पेश होगा।
इसके लिए स्पीकर ओम बिरला ने 8 घंटे का समय निर्धारित किया है, जिसमें से 4 घंटे 40 मिनट NDA को मिलेंगे और बाकी समय विपक्ष को मिलेगा। सरकार ने कहा है कि यदि सदन की सहमति मिलती है तो चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है। यह बिल मुस्लिम समाज की सबसे बड़ी और ताकतवर संस्था, वक्फ बोर्ड में संशोधन के लिए पेश किया जा रहा है। वहीं, गुरुवार को इसे राज्यसभा में चर्चा के लिए पेश किया जा सकता है।
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इधर अमेरिका लादेगा भारत पर टैरिफ
व्हाइट हाउस ने जानकारी दी है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत 2 अप्रैल को घोषित किए जाने वाले रेसिप्रोकल टैरिफ (प्रतिसंवेदनात्मक शुल्क) तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएंगे। इसके अलावा, ऑटो टैरिफ 3 अप्रैल को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लागू होंगे। इस घोषणा के कारण वैश्विक बाजारों में हलचल मच गई है। भारतीय शेयर बाजार में भी भारी गिरावट आई है। जहां सेंसेक्स 1400 अंक तक गिरा और निफ्टी में 353 अंक की कमी आई।
समझें, रेसिप्रोकल टैरिफ और ऑटो टैरिफ क्या हैं
रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff):
रेसिप्रोकल टैरिफ एक व्यापारिक नीति है, जिसके तहत एक देश दूसरे देश द्वारा अपने उत्पादों पर लगाए गए उच्च आयात शुल्क का जवाब उसी तरीके से देता है। यानी, जैसे को तैसा… दूसरे शब्दों में अगर कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा आयात शुल्क लगा रहा है, तो अमेरिका भी उस देश के उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाएगा। ट्रंप प्रशासन ने रेसिप्रोकल टैरिफ को अमेरिकी व्यापार को बढ़ावा देने और अमेरिकी श्रमिकों को फायदा पहुंचाने के लिए लागू किया है। इस नीति का लक्ष्य दोतरफा व्यापार समझौतों में संतुलन बनाए रखना है।
ऑटो टैरिफ (Auto Tariff):
ऑटो टैरिफ विशेष रूप से विदेशों में निर्मित वाहनों पर लगाए गए शुल्क हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही घोषणा की थी कि अमेरिका पर आयातित कारों पर स्थायी टैरिफ लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य अमेरिकी ऑटो इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करना और विदेशी कार निर्माताओं पर दबाव बनाना है, ताकि वे अधिक निवेश अमेरिका में करें।
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भारत पर इसका क्या असर पड़ेगा
रेसिप्रोकल टैरिफ का असर भारत पर:
अगर अमेरिका भारत के उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाता है, तो भारतीय निर्यातकों को प्रभावित हो सकता है। खासकर, जो उत्पाद अमेरिका में आयात किए जाते हैं, जैसे कि फल, सब्जियां, वस्त्र, और अन्य उपभोक्ता सामान।
भारत को अपनी व्यापार नीति को फिर से परिभाषित करना पड़ सकता है और अमेरिका से व्यापार में समानता के लिए द्विपक्षीय समझौतों पर फिर से विचार करना पड़ सकता है।
ऑटो टैरिफ का असर भारत पर:
भारत में कई विदेशी कार निर्माता कंपनियां (जैसे कि होंडा, टोयोटा, और सुजुकी) अपनी कारों का निर्माण करती हैं, और यदि अमेरिका ने इन पर उच्च टैरिफ लगाया, तो भारतीय कंपनियों के लिए निर्यात मुश्किल हो सकता है। भारत में निर्मित और अमेरिकी बाजार में बिकने वाली कारों पर शुल्क बढ़ने से भारतीय कार निर्माताओं को भी नुकसान हो सकता है।
हालांकि, भारतीय कार निर्माता कंपनियों को अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर इस चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, ताकि वे अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकें।
'मुक्ति दिवस' पर टैरिफ की घोषणा
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह घोषणा की कि, वह बुधवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में शाम 4 बजे ( भारतीय समय अनुसार रात को 1:30 बजे ) रेसिप्रोकल टैरिफ की औपचारिक घोषणा करेंगे। यह टैरिफ उन शुल्कों का हिस्सा हैं, जिन्हें ट्रंप प्रशासन ने 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने के बाद से लागू किया है। इसमें कनाडा और मैक्सिको से आयात पर उच्च टैरिफ, धातुओं पर क्षेत्र-विशिष्ट शुल्क और हाल ही में आयातित ऑटोमोबाइल पर शुल्क शामिल हैं। ट्रंप ने यह भी आश्वासन दिया कि ऑटोमोबाइल पर 'स्थायी' टैरिफ इस गुरुवार को लागू किए जाएंगे, जैसा कि उन्होंने पहले घोषणा की थी।
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