भारत सरकार ने एक अहम कूटनीतिक पहल के तहत ‘आउटरीच प्रोग्राम’ की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद के बारे में दुनियाभर के देशों को जानकारी देना है। यह अभियान ऑपरेशन सिंदूर के बाद शुरू हुआ है और कुल 33 देशों में चलाया जाएगा। इसके तहत देश की अलग-अलग पार्टियों के वरिष्ठ नेता विदेश यात्राओं पर जाएंगे और आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का पक्ष वैश्विक मंचों पर मजबूती से रखेंगे।
33 देशों का चयन क्यों किया गया?
मंगलवार को विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस कार्यक्रम के तहत चुने गए 33 देशों के चयन के आधार को स्पष्ट किया। भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी के हवाले से बताया गया कि इनमें से लगभग 15 देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य हैं। इनमें पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य शामिल हैं, जो हर दो साल में बदलते रहते हैं। इसके अलावा, पांच और देश ऐसे हैं जो आने वाले समय में UNSC के सदस्य बनने वाले हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य देशों को भी चुना गया है जिनकी आवाज वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण मानी जाती है।
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आज रवाना हो रहा पहला डेलिगेशन
आउटरीच प्रोग्राम के पहले डेलिगेशन का नेतृत्व जदयू के संजय कुमार झा करेंगे, जिसमें भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी भी शामिल हैं। यह डेलिगेशन इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर की यात्रा करेगा। इसकी शुरुआत आज से हो रही है और पहला पड़ाव जापान है।
ये करेंगे दलों का नेतृत्व
इस अभियान में सात डेलिगेशन होंगे, जिनका नेतृत्व विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं द्वारा किया जाएगा: