देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने नई निर्देशावली जारी की है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस नई नीति का शुभारंभ करते हुए बताया कि इसका मकसद भारत सरकार के 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य पूरा करना और देश को ऑटोमोटिव निर्माण तथा नवाचार का वैश्विक हब बनाना है।
इस पहल से रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा और ‘मेक इन इंडिया’ के लक्ष्य को भी साकार करने में सहायता मिलेगी। नई नीति के तहत, निर्माता कंपनियों को अगले तीन वर्षों में 4150 करोड़ रुपये का निवेश करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, मेक इन इंडिया को मजबूत बनाने के लिए कंपनियों को अपने कुल उत्पादन का कम से कम 50 प्रतिशत भारत में ही करना होगा।
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भारत की नई ईवी नीति के प्रमुख उद्देश्य
नई नीति के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को अगले तीन वर्षों में कम से कम 4150 करोड़ रुपये का निवेश करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहित करने के लिए कंपनियों को अपनी कुल उत्पादन क्षमता का आधा हिस्सा भारत में तैयार करना होगा।
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नई नीति की मुख्य विशेषताएं
- इलेक्ट्रिक कारों की कीमत 35,000 डॉलर (लगभग 29 लाख रुपये) या उससे अधिक होने पर आयात शुल्क 15% तक घटाया जाएगा। यह लाभ सालाना 8,000 वाहनों तक सीमित रहेगा।
- कंपनियों द्वारा खरीदी गई जमीन का मूल्य निवेश में शामिल नहीं होगा। केवल इंफ्रास्ट्रक्चर और उपकरणों पर किए गए खर्च को निवेश माना जाएगा।
- नीति का मुख्य ध्यान व्यक्तिगत उपयोग के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण पर है, खासकर मिड से प्रीमियम सेगमेंट में।
टेस्ला का भारत में उत्पादन करने से इंकार
हालांकि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यह नीति तैयार की है, लेकिन टेस्ला ने अभी भारत में उत्पादन शुरू करने का निर्णय नहीं लिया है। मंत्री कुमारस्वामी ने स्पष्ट किया कि टेस्ला फिलहाल केवल भारत में शोरूम खोलने की योजना बना रही है, लेकिन कारों का निर्माण देश में नहीं करेगी।
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एलन मस्क, जो टेस्ला के सीईओ हैं, अमेरिका में राजनीतिक अस्थिरता के कारण भारत में विस्तार के अपने विचारों को फिलहाल टाल रहे हैं। इससे पहले अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी टेस्ला के भारत में उत्पादन शुरू करने पर आपत्ति जताई थी, जिससे कंपनी की भारत में विस्तार योजना प्रभावित हो सकती है।
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नई नीति से भारत को क्या लाभ होंगे?
- देश में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
- भारत ऑटोमोटिव निर्माण और तकनीकी नवाचार में विश्व में अग्रणी बनेगा।
- 2070 तक भारत का नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य साकार होगा।
- इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन और उपयोग बढ़ेगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण को मजबूती मिलेगी।
- इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला के सीईओ एलन मस्क