पैरालंपिक 2024 में भारत ने रचा नया कीर्तिमान, जानें पैरालंपिक में भारत का इतिहास

पेरिस पैरालंपिक्स में 5 स्वर्ण पदक समेत कुल 24 पदक जीतकर भारत पदक तालिका में 13वें स्थान पर पहुंच गया है। इससे पहले टोक्यो में आयोजित हुए पैरालंपिक में भारत ने 19 मेडल जीते थे।

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Sourabh Bhatnagar
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पेरिस पैरालंपिक्स
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पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में 5 स्वर्ण समेत कुल 24 पदक जीतकर भारत ने इतिहास रच दिया है। भारत के पैरा एथलीटों ने जबरदस्त प्रदर्शन कर एक नया कीर्तिमान देश के नाम किया है । अभी पदक संख्या और भी बढ़ सकती है। इसके साथ ही भारत पैरालंपिक 2024 की पदक तालिका में 13वें स्थान पर पहुंच गया है । पहले पर 62 स्वर्ण पदक जीतकर चीन सबसे आगे है। दूसरे स्थान पर ग्रेट ब्रिटेन (33 स्वर्ण पदक) और तीसरे पर अमेरिका (25 स्वर्ण पदक) है। आपको बता दें कि इससे पहले टोक्यो में आयोजित हुए पैरालंपिक में भारत ने 19 मेडल जीते थे।

किसने जीता था आजाद भारत का पहला पैरालंपिक पदक

1965 के भारत-पाक युद्ध में अपना योगदान देने वाले मुरलीकांत पेटकर ने 1972 के हीडलबर्ग खेलों में आजाद भारत के लिए पहला पैरालंपिक पदक जीता था। मुरलीकांत पेटकर ने मेंस 50मीटर फ्रीस्टाइल 3 इवेंट में पैरा तैराक के तौर पर भाग लिया था और गोल्ड मेडल जीतने के साथ ही विश्व रिकॉर्ड भी बनाया था। आपको बता दें कि निर्देशक कबीर खान और अभिनेता कार्तिक आर्यन की फिल्म 'चंदू चैंपियन' इन्हीं मुरलीकांत पेटकर के जीवन पर आधारित है। साल 2018 में मुरलीकांत को भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

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1984 का पैरालंपिक भारत के लिए था खास

1984 में स्टोक मैंडविल और न्यूयॉर्क में अयोजित हुआ पैरालंपिक भारत के सबसे सफल पैरालंपिक खेलों में से एक माना जाता था। भारतीय जेवलिन थ्रोअर भीमराव केसरकर ने पुरुषों की जेवलिन थ्रो L6 में 34.55 मीटर के थ्रो के साथ सिल्वर मेडल अपने और देश के नाम किया था। वहीं, इस दौरान ही भीमराव ने पुरुषों की 100 मीटर फ्रीस्टाइल L6 इवेंट में भी हिस्सा लिया था लेकिन ज्यादा आगे नहीं जा पाए। आपको बता दें कि इसी साल एथलीट जोगिंदर सिंह बेदी ने  3 पैरालंपिक पदक अपने नाम किए थे। जोगिंदर ने पुरुषों के शॉट पुट L6 में रजत पदक भी जीता था और पुरुषों की जेवलिन थ्रो L6 इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर अपना दूसरा पैरालंपिक पदक हासिल किया था। इसके बाद मेंस डिस्कस थ्रो L6 इवेंट में अपने 28.16 मीटर के थ्रो के साथ जोगिंदर ने अपना दूसरा कांस्य पदक जीता।

1984 से बाद 20 साल रहा पदक का इंतजार 

1984 में स्टोक मैंडविल और न्यूयॉर्क में अयोजित हुए पैरालंपिक खेलों और इसमें भारत के जबरदस्त प्रदर्शन के बाद ऐसा कोई पैरालंपिक्स नहीं रहा जिसमें भारत के खिलाड़ियों ने भाग न लिया हो लेकिन हमेशा भारत पदक के करीब आकर चुकता रहा। आपको बता दें कि 1984 के बाद 20 साल के लंबे इंतजार के बाद 2004 में भारत की झोली में अपना अगला पैरालंपिक पदक आया।  2004 में एथेंस में आयोजित हुए पैरालंपिक्स में भारत के देवेंद्र झाझरिया ने मेंस जेवलिन थ्रो F44/46 इवेंट में हिस्सा लिया और भारत की झोली में गोल्ड मेडल डाला। बता दें कि साल 2012 में देवेंद्र को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। इसी साल राजिंदर सिंह रहेलू ने मेंस पॉवरलिफ्टिंग 56 किग्रा भार वर्ग में 157.5 किग्रा भार उठाकर भारत की झोली में कांस्य पदक डाला।  2008 के बीजिंग पैरालंपिक खेलों में एक बार फिर राजिंदर ने भारत में पदक दिलाने की  कोशिश की लेकिन चूक गए।  साल 2005 में राजिंदर को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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2012 में भारत की झोली में आया एक मात्र पदक

2012 में लंदन में अयोजित हुए पैरालंपिक खेलों में कई पैरा एथलीटों ने अपनी किस्मत आजमाई लेकिन भारत की झोली में मात्र एक पदक आया। एथलीट गिरीश एन गौड़ा ने मेंस हाई जम्प F42 इवेंट में रजत पदक जीतकर भारत का मान बढ़ाया। आपको बता दें कि साल 2013 में गिरीश एन गौड़ा को पद्म श्री और एक साल बाद अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

रियो में बिखेरा भारतीय पैरा एथलीटों ने अपना जलवा

साल 2016 में रियो में अयोजित हुए पैरालंपिक खेलों में एक बार फिर भारतीय पैरा एथलीटों की मेहनत रंग लाई। तमिलनाडु के मरियप्पन थंगावेलु ने इस साल हाई जम्प F42 इवेंट में स्वर्ण पदक भारत के नाम किया था। जिसके बाद उन्हें पद्म श्री, अर्जुन पुरस्कार और पिछले साल उन्हें मेजर ज्ञानचंद खेल रत्न से नवाजा गया था। बता दें कि मेजर ज्ञानचंद खेल रत्न भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है। इनके बाद मेंस हाई जम्प F42 इवेंट में ही वरुण सिंह भाटी ने कांस्य पदक भारत की झोली में डाला। वहीं, देवेंद्र झाझरिया ने मेंस जेवलिन थ्रो F46 इवेंट में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया। झाझरिया को 2017 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से नवाजा गया था।

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2024 में भारत ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

4-8 सितंबर के बीच फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित हो रहे पैरालंपिक खेलों में भारत में ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पैरालंपिक खेलों में अब तक एथलीट कुल 24 मेडल जीत चुके थे जिसमें 5 गोल्ड, 9 सिल्वर व 10 ब्रांज मेडल शामिल हैं। यह सारे मेडल भारत को तीरंदाजी, शूटिंग और बैडमिन्टन, शॉटपुट और जैवलिन थ्रो  जैसे खेलों में हासिल किए हैं। भारत से भी इन सभी खेलों में अपने 84 एथलीटों को भेजा है। आपको बता दें कि इससे पहले टोक्यो में आयोजित हुए पैरालंपिक में भारत ने 19 मेडल जीते थे।

 पैरालंपिक खेलों में भारत के गोल्ड वीर

पेरिस पैरालंपिक्स में 5 स्वर्ण पदक समेत कुल 24 पदक जीतकर भारत पदक तालिका में 13वें स्थान पर पहुंच गया है। इसी पैरालंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में भारत की बेटी अवनि लखेरा ने गोल्ड मेडल जीतकर भारत की झोली में डाला। इनके बाद नितेश कुमार ने बैडमिंटन के मेंस सिंगल्स SL3 में, एथलीट सुमित अंतिल ने जैवलिन थ्रो में, तीरंदाज हरविंदर सिंह ने आर्चरी में, और फिर एथलेटिक्स मेंस क्लब थ्रो F51 इवेंट में धरमबीर ने भारत में गोल्ड दिलवाया।

पैरालंपिक खेलों में भारत के पदक विजेताओं पर एक नज़र

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