कंचनजंघा रेल हादसे ( Kanchenjunga Train Accident ) के अगले ही दिन रेलवे ने 18,799 लोको पायलट की भर्ती निकाली हैं। रेलवे द्वारा सभी जोन के प्रबंधकों को हफ्ते भर के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के आदेश जारी किए गए हैं।
रेलवे का यह फैसला ओवर ड्यूटी कर रहे लोको पायलट्स ( ड्राइवर) को राहत देगा। ओवर ड्यूटी के बोझ के चलते ट्रेन चलाते हुए मानवीय चूक होने का खतरा ज्यादा रहता है। बीते समय में लगातार बढ़ते ट्रेन हादसों के चलते लोको पायलट की भर्तियां की जा रही हैं।
ओवर ड्यूटी कर रहे थे ट्रेन चालक
रेलवे में लंबे समय से ट्रेन चालकों के पद खाली थे। आमतौर पर रेलवे में लोको पायलट को 9 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ती है। रिक्त पदों के चलते कई ड्राइवर्स को ज्यादा ड्यूटी करनी पड़ती थी। 8 परसेंट लोको पायलट 12-16 घंटे की ड्यूटी करते थे। जबकि 31 परसेंट 10-12 घंटे की ड्यूटी कर रहे थे।
रेलवे बोर्ड ने 15 दिसंबर 2023 को 5,695 सहायक लोको (एएलपी) पायलट की भर्ती को मंजूरी दी थी। इसके बाद अतिरिक्त डिमांड के चलते अब फिर 18,799 एएलपी भर्तियां निकाली गईं ( railway loco pilot recruitment )।
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पश्चिम बंगाल में हुआ था ट्रेन हादसा
रेलवे में लोको पायलट की भर्तियों का आदेश पश्चिम बंगाल में हुए ट्रेन हादसे के बाद आया है। यहां 17 जून को न्यू जलपाईगुड़ी में एक मालगाड़ी ने सियालदाह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी।
टक्कर लगने से कंचनजंगा एक्सप्रेस की कई बोगियां पटरी से उतर गई। कंचलजंगा ट्रेन एक्सिडेंट में 2 लोको पायलट और एक गार्ड समेत 15 लोगों की मौत हुई है। जबकि 60 लोग घायल हुए।
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