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भारतीय शेयर मार्केट ( share market ) ने आज ही BSE का ऑल टाइम हाई 5 ट्रिलियन डॉलर का मार्केट कैप ( bse 5 trillion dollar market cap ) हासिल किया है। 6 महीने पहले ही मार्केट कैप 4 ट्रिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंचा था। खास बात यह है कि लगातार तेजी के बीच इंडियन शेयर मार्केट अब स्वदेशी होता जा रहा है। भारतीयों के बढ़ते निवेश के चलते अब विदेशियों के विड्रॉल का शेयर मार्केट पर असर नहीं डाल रहे हैं। बीते दिनों लगातार कम होते विदेशी निवेश के बाद भी भारतीय मार्केट उछाल पकड़ रहा है।
भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( nifti ) में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी गिर रही है। 2024 में यह हिस्सेदारी 11 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। वर्तमान में फोरन इन्वेस्टर्स का निफ्टी में 17.68 पर्सेंट शेयर है। दिसंबर 2023 में यह शेयर 18.19 पर्सेंट था। इसका मतलब यह है कि विदेशी निवेशक तेजी से भारतीय मार्केट से पैसे निकाल रहे हैं। हालांकि बाजार का इसपर कोई खास असर नहीं हो रहा है। इंडियन शेयर मार्केट लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है।
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विदेशी निवेशकों के पैसे निकालने के बावजूद भारतीय बाजारों में तेजी की वजह है भारतीयों का निवेश ( indian investment in share market ) करना। इसमें भी सबसे अहम भूमिका रही है म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की। इस साल भारत के म्यूचुअल फंड ( mutual fund ) ने शेयर मार्केट में 1.3 लाख का इन्वेस्टमेंट किया। इससे बाजार को मजबूती मिली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में म्यूचुअल फंज की हिस्सेदारी नए वित्त वर्ष 2024-25 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। 2024 मार्च में खत्म हुई तिमाही के बाद निफ्टी में म्यूचुअल फंड का स्तर 8.92 परसेंट पहुंच गया है। इस दौरान 81, 539 करोड़ रुपए का निवेश भी हुआ है। इंडियन शेयर मार्केट की अपने देश के निवेशकों पर निर्भरता देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत हैं। भारतीय शेयर मार्केट में विदेशियों की हिस्सेदारी कम होना अर्थव्यवस्था को प्रभावित नहीं कर रहा है।
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