Israel-Iran War : ईरान ने इजराइल के साथ युद्धविराम पर जताया संदेह, दी मुंहतोड़ जवाब की चेतावनी

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Sourabh Bhatnagar
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ईरान ने इजराइल के साथ युद्धविराम पर संदेह व्यक्त किया है। ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल अब्दोलरहीम मूसवी ने रविवार को सऊदी रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान से फोन पर बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें इजराइल के साथ युद्धविराम पर शक है। मूसवी ने यह भी चेतावनी दी कि अगर फिर से कोई हमला हुआ, तो ईरान उसका मुंहतोड़ जवाब देगा।

मूसवी ने यह बयान उस समय दिया जब ईरान अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में व्यस्त था और इसी बीच इजराइल ने उस पर हमला किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका ने इस हमले में इजराइल का साथ दिया। मूसवी के अनुसार, यह घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि इजराइल और अमेरिका दोनों ही किसी भी अंतरराष्ट्रीय नियम और कानून का पालन नहीं करते हैं।

मूसवी ने यह भी कहा कि जंग ईरान ने शुरू नहीं की थी, लेकिन जब हमला किया गया, तो ईरान ने अपनी पूरी ताकत से उसका जवाब दिया। इस बातचीत में दोनों अधिकारियों ने रक्षा और द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की।

इजराइल और ईरान के बीच 12 दिन की लड़ाई के बाद 24 जून को सीजफायर हुआ था, जिसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने की थी। इस संघर्ष में ईरान के 610 और इजराइल के 28 लोग मारे गए थे।

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के उस बयान को खारिज किया, जिसमें उन्होंने इजराइल के खिलाफ युद्ध में जीत का दावा किया था।

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर कहा, "मैंने खामेनेई को एक भयानक और अपमानजनक मौत से बचाया। मुझे उम्मीद नहीं है कि वे कभी मुझसे शुक्रिया कहेंगे।"

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी दावा किया कि वह खामेनेई के ठिकाने के बारे में जानते थे, लेकिन उन्होंने इजराइल और अमेरिकी सेना को उनकी हत्या करने से रोका, जिससे उनकी जान बच गई।

इसके बाद ट्रम्प ने यह भी कहा, "ईरान को ग्लोबल सिस्टम का हिस्सा बनने के बजाय गुस्सा और दुश्मनी का प्रदर्शन कर रहा है, जिससे उनकी सेना, अर्थव्यवस्था और भविष्य पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।"

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को नीदरलैंड्स में नाटो समिट के दौरान कहा कि ईरान ने युद्ध में बहादुरी का प्रदर्शन किया है और वे तेल का व्यापार करते हैं। ट्रम्प ने कहा, "मैं चाहूं तो इसे रोक सकता हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता।" उन्होंने यह भी बताया कि ईरान को युद्ध के बाद अपनी स्थिति को सुधारने के लिए तेल बेचने की आवश्यकता है। ट्रम्प ने यह भी कहा कि अगर चीन ईरान से तेल खरीदना चाहता है, तो इसमें कोई समस्या नहीं है।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने यह भी जानकारी दी कि अगले हफ्ते ईरान और अमेरिका के बीच बातचीत होगी। इससे पहले मंगलवार को, नाटो समिट के लिए जाते वक्त ट्रम्प ने कहा था कि चीन अब ईरान से तेल खरीद सकता है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि चीन अमेरिका से भी तेल खरीदेगा।

हालांकि, व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने स्पष्ट किया था कि यह बयान ईरान पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों में किसी प्रकार की राहत का संकेत नहीं था। गौरतलब है कि ईरान और इजराइल के बीच 12 दिन तक चली जंग के बाद, ट्रम्प ने मंगलवार को युद्धविराम (सीजफायर) का ऐलान किया था।

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ईरान के साथ सीजफायर लागू होने के बाद, इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने सभी सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों और दफ्तरों से प्रतिबंध हटा दिए हैं। सीजफायर के बाद, ईरान और इराक ने अपने एयरस्पेस को फिर से खोल दिया है। फ्लाइट-ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar 24 के अनुसार, अब तेहरान से आने-जाने वाली फ्लाइट्स के लिए अनुमति दी गई है और यह परिचालन फिर से शुरू हो गया है।

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इजराइल द्वारा सीजफायर स्वीकार किए जाने के बावजूद ईरान ने हमला कर दिया है। इजराइली सेना ने मंगलवार दोपहर इस हमले की सूचना दी। इसके परिणामस्वरूप उत्तरी इजराइल में सायरन बजने लगे।

इजराइल के रक्षा मंत्री, इजराइल काट्ज ने सेना को जवाबी कार्रवाई की खुली छूट दे दी है। उन्होंने सेना को तेहरान पर सशक्त हमला करने का आदेश दिया है।

इससे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध रोकने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि इजराइली सेना का मिशन अब पूरा हो चुका है। यह निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की उस अपील के बाद लिया गया था, जिसमें उन्होंने दोनों देशों से युद्ध रोकने की मांग की थी।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने युद्ध के 12वें दिन सीजफायर की घोषणा की और कहा कि यह अगले छह घंटे में लागू हो जाएगा। तय समय के बाद उन्होंने एक और संदेश जारी किया, जिसमें लिखा था, "अब से सीजफायर लागू हो गया है, कृपया इसे न तोड़ें।"

 

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ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने इजराइल के साथ सीजफायर की खबरों को खारिज कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इजराइल के साथ अभी कोई अंतिम युद्धविराम समझौता नहीं हुआ है। अरागची ने यह भी कहा कि अगर इजराइल, ईरानियों पर अपने अवैध हमले रोक देता है, तो ईरान जवाबी कार्रवाई को जारी नहीं रखेगा।

इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार तड़के 3:30 बजे ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर का दावा किया था। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर यह घोषणा करते हुए लिखा कि इजराइल और ईरान के बीच एक पूर्ण सीजफायर अगले 12 घंटे में लागू होगा, जिसमें पहले 12 घंटे के लिए ईरान हथियार डालेगा और अगले 12 घंटे के लिए इजराइल हथियार डालेगा।

वहीं, न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इजराइली सेना के प्रवक्ता ने ट्रम्प के बयान पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

 

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इजराइल और ईरान के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है। ताजा घटनाक्रम में इजराइली सेना ने ईरान के छह प्रमुख एयरपोर्टों पर एक साथ हवाई हमला किया है। इन एयरपोर्टों में मशहद, तेहरान, हमादान, देजफुल, शाहिद बख्तरी और तबरीज शामिल हैं। सेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान में बताया गया है कि इन हमलों को ड्रोन के जरिए अंजाम दिया गया, जिनमें ईरान के कम से कम 15 सैन्य विमान और हेलिकॉप्टर नष्ट कर दिए गए।

रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों में ईरान की हवाई पट्टियों और भूमिगत बंकरों को भी निशाना बनाया गया, साथ ही एक ईंधन भरने वाला विमान और ईरान की वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान जैसे F-14, F-5 और AH-1 को भी भारी क्षति पहुंची है। इसके जवाब में ईरान ने भी कार्रवाई करते हुए इजराइल का एक हर्मीस ड्रोन मार गिराया है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि यह संघर्ष और गहराने की ओर बढ़ रहा है।

इससे पहले रविवार देर रात इजराइली एयरफोर्स ने ईरान के शाहरुद क्षेत्र में एक अहम सैन्य प्रतिष्ठान पर बमबारी की थी, जहां बैलिस्टिक मिसाइलों के इंजन बनाए जाते हैं। यह इलाका इजराइल से करीब 2000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस हमले में इंजन निर्माण की कई महत्वपूर्ण मशीनें और उपकरण पूरी तरह नष्ट हो गए। इसके साथ ही इजराइल ने तेहरान, केरमानशाह और हमादान जैसे शहरों में भी हवाई हमले किए हैं। इन कार्रवाइयों से दोनों देशों के बीच टकराव के और गंभीर रूप लेने की आशंका बढ़ गई है।

 

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इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष को 10 दिन हो चुके हैं। इस दौरान इजराइली एयरफोर्स ने रविवार रात को ईरान के शाहरुद शहर में एक बैलिस्टिक मिसाइल इंजन बनाने वाली फैक्ट्री पर बमबारी की। यह स्थान इजराइल से लगभग 2000 किलोमीटर दूर है। इस हमले में मिसाइल बनाने वाली कई मशीनें और आवश्यक उपकरण नष्ट हो गए। इसके अलावा, इजराइल ने तेहरान, केरमांशाह और हमादान में भी एयर स्ट्राइक की।

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान में तख्तापलट के मुद्दे पर अपनी राय साझा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, "अगर मौजूदा ईरानी सरकार 'ईरान को फिर से महान' नहीं बना सकती, तो सत्ता परिवर्तन क्यों नहीं होना चाहिए? मेक ईरान ग्रेट अगेन।"

अमेरिका ने भी कल ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया, जिनमें फोर्डो, नतांज और इस्फहान शामिल थे। इस ऑपरेशन में सात B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स ने हिस्सा लिया था, जिन्होंने इन ठिकानों पर 13,608 किलो वजन के बंकर बस्टर बम गिराए।

 

अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों, फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर 13,608 किलो वजन के बंकर बस्टर बम गिराए। इस सैन्य ऑपरेशन का नाम ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ रखा गया। इस हमले में सात स्टील्थ B-2 बॉम्बर्स, रिफ्यूलिंग और फाइटर जेट्स सहित 125 से अधिक विमान शामिल थे। इसके अतिरिक्त, इस्फहान और नतांज पर 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें भी दागी गईं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमले के तीन घंटे बाद एक संबोधन में कहा कि ईरान को अब शांति स्थापित करनी चाहिए, अन्यथा उस पर और अधिक हमले किए जाएंगे।

अमेरिकी हमले का प्रतिकार करते हुए ईरान ने इजराइल के 14 शहरों पर मिसाइलें दागीं। 13 जून से जारी इजराइल-ईरान संघर्ष में 657 लोग मारे गए और 2000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हालांकि, ईरान की स्वास्थ्य मंत्रालय ने केवल 430 नागरिकों की मौत और 3,500 घायलों की पुष्टि की है। वहीं, इजराइल में 21 जून तक 24 लोग मारे गए और 900 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

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इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष का आज दसवां दिन है। रविवार को, अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर बम गिराए। इसमें फोर्डो, नतांज और इस्फहान शामिल हैं। यह हमला भारतीय समयानुसार सुबह 4:30 बजे हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस हमले की जानकारी दी और कहा कि इन ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है। ट्रम्प ने ईरान को शांति कायम करने की चेतावनी दी है, नहीं तो अमेरिकी हमले और तेज हो सकते हैं।

ट्रम्प ने हमले की दी जानकारी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमले के तीन घंटे बाद ईरान के खिलाफ सार्वजनिक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, हमने फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर एक पूरी बम की खेप गिराई है। इन साइट्स को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है। ट्रम्प ने ईरान को साफ चेतावनी दी कि अगर वह शांति स्थापित नहीं करता है, तो अमेरिका और बड़े हमले कर सकता है। ट्रम्प ने इस हमले को अमेरिका की परमाणु शक्ति का प्रदर्शन बताया।

इजराइल ने अमेरिका का किया समर्थन

अमेरिकी हमले के बाद, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी कार्यवाही का समर्थन किया है। नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला इतिहास बदलने वाला है। नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका की कार्रवाई को सही ठहराया और कहा कि यह इजराइल की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम है।

ईरान में अब तक 657 लोगों ने गवाई जान

ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष में 13 जून से अब तक 657 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं 2 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

हालांकि, ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 430 मौतों की पुष्टि की है। साथ ही 3 हजार 500 लोग घायल हुए हैं। वहीं, इजराइल में 24 लोग मारे गए हैं और 900 से अधिक लोग घायल हैं।

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इजराइल के विदेश मंत्री गिडोन सार ने दावा किया है कि इजराइली सेना द्वारा किए गए हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को 2-3 साल के लिए पीछे धकेल दिया है। एक समाचार पत्र को दिए गए इंटरव्यू में सार ने कहा कि हमले का परिणाम काफी सकारात्मक रहा है।

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इजराइल के पास ईरान के फोर्डो परमाणु केंद्र को पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता नहीं है। यह परमाणु ठिकाना पहाड़ के 80 मीटर नीचे स्थित है, और इजराइल इसके साथ पूरी तरह से निपटने में सक्षम नहीं है। ट्रम्प ने कहा, "इजराइल के पास सीमित क्षमता है। वे थोड़ा नुकसान तो पहुंचा सकते हैं, लेकिन गहराई में जाकर इसे नष्ट नहीं कर सकते। उनके पास वह तकनीक नहीं है।"

इसी बीच, इजराइल ने शुक्रवार की रात को एक और मिसाइल हमला किया। रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल ने पश्चिमी ईरान में बैलिस्टिक मिसाइलों के ठिकानों और लॉन्चिंग साइट्स को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन में इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने 15 फाइटर जेट्स और 30 से ज्यादा आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया।

संघर्ष के परिणामस्वरूप, पिछले आठ दिनों में इजराइल में 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 900 से अधिक लोग घायल हुए हैं। दूसरी ओर, ईरान में 657 लोगों की मौत हो चुकी है और 2000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी वॉशिंगटन स्थित ईरानी ह्यूमन राइट्स ग्रुप द्वारा प्रदान की गई है।

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ईरान और इजरायल के बीच जंग का आज आठवां दिन है। गुरुवार को इजरायल ने ईरान के खोंडब न्यूक्लियर रिएक्टर पर हमला किया, जबकि इससे कुछ घंटे पहले उसने अराक न्यूक्लियर रिएक्टर को भी निशाना बनाया। इन दोनों रिएक्टर्स में हैवी वॉटर रिएक्टर्स हैं, जिनका उपयोग प्लूटोनियम बनाने में किया जाता है।

हमले से कुछ समय पहले इजरायल ने इन क्षेत्रों को खाली करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद, इजरायली फाइटर जेट्स ने देर रात ईरान की राजधानी तेहरान पर एयर स्ट्राइक की, जिसके बाद ईरान ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय कर दिया।

वहीं, ईरान ने इजरायल के चैनल-14 को प्रधानमंत्री नेतन्याहू का प्रवक्ता बताते हुए इसके ऑफिस पर हमले की धमकी दी है।

अब तक सात दिनों की लड़ाई में इजरायल के 24 नागरिकों की मौत हो चुकी है और 600 से ज्यादा लोग घायल हैं। वहीं, वॉशिंगटन स्थित एक मानवाधिकार संगठन के अनुसार, ईरान में मृतकों की संख्या 639 तक पहुंच चुकी है और 1329 लोग घायल हुए हैं।

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इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध के बीच भारत ने अपने 110 छात्रों को मौत के मुंह से बाहर निकाला है। ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से भारतीय छात्रों का पहला बैच वापस लौट आया है। ईरान से आए विमान ने आज तड़के दिल्ली में लैंड किया। यह सभी छात्र ईरान के उर्मिया से लौटे हैं, जहां वे उर्मिया विश्वविद्यालय में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। लौटे हुए छात्रों ने ईरान के हालात के बारे में बताया और कहा कि स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने आशा जताई कि जल्द ही हालात सुधरेंगे और वे अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर सकेंगे।

110 छात्रों को युद्धग्रस्त ईरान से सुरक्षित बाहर लाने के लिए उन्हें पहले आर्मेनिया ले जाया गया था। वहां से उनकी फ्लाइट गुरुवार तड़के दिल्ली में पहुंची। यह बचाव कार्य ऐसे समय में किया गया, जब इजरायल और ईरान के बीच बमबारी और मिसाइल हमले लगातार जारी थे। भारतीय दूतावास द्वारा किए गए इंतजामों के तहत, इन छात्रों ने मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत आर्मेनिया की सीमा पार की।

 

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Israel Iran War LIVE Update : ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग अब सातवें दिन में पहुंच चुकी है। बुधवार रात इजरायली हैकर्स ने ईरान की सरकारी चैनल IRIB टीवी और कई अन्य न्यूज चैनलों को हैक कर लिया। हैकर्स ने इन चैनलों पर 2022 के विरोध प्रदर्शनों से जुड़े वीडियो प्रसारित किए, जिसमें महिलाएं अपने बाल काटते हुए दिखाई दे रही थीं। ये प्रदर्शन महसा अमीनी नामक ईरानी महिला की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद हुए थे। महसा को हिजाब सही तरीके से न पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी।

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले की योजना को मंजूरी दे दी है। अब ट्रंप के अंतिम आदेश का इंतजार किया जा रहा है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, हमले का आदेश देने से पहले ट्रंप यह देखना चाहते हैं कि ईरान अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को छोड़ता है या नहीं।

बीते छह दिनों में इस संघर्ष में इजरायल के 24 नागरिकों की मौत हो चुकी है। वहीं, वॉशिंगटन स्थित एक मानवाधिकार संगठन का दावा है कि ईरान में मरने वालों की संख्या 585 तक पहुंच चुकी है और 1326 लोग घायल हुए हैं।

 

 

इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष 5वें दिन भी जारी है, और इस युद्ध में हर दिन नया मोड़ सामने आ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक पोस्ट में दावा किया कि ईरान के आसमान पर अब उनका पूरा कब्जा है, जिससे आशंकाएं बढ़ गई हैं कि क्या अमेरिका इजरायल के हमलों में शामिल हो गया है। इस संघर्ष के बीच इजरायल और ईरान दोनों देशों के लिए भारी नुकसान हो रहा है।

अमेरिका का बयान

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'x' पर तीन पोस्ट किए, जिनमें उन्होंने कहा, "अब ईरान के आसमान पर हमारा पूरा कंट्रोल है। हम जानते हैं कि सुप्रीम लीडर कहां छिपा है, और उसे मारने के बजाय हम उसे जिंदा छोड़ सकते हैं, कम से कम अभी तो नहीं।" इसके बाद उन्होंने तीसरे पोस्ट में लिखा, "अनकंडीशनल सरेंडर" यानी बिना शर्त सरेंडर, जिससे यह संकेत मिलता है कि अमेरिका ने ईरान से इजरायल के खिलाफ युद्ध में हस्तक्षेप की संभावना को बढ़ा दिया है। ट्रम्प का यह बयान एक नई तरह की तटस्थता और गंभीरता को दिखाता है, जिसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि यह इजरायल और ईरान के संघर्ष में एक नया मोड़ ला सकता है।

इजरायल और ईरान के बीच हवाई हमले

इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष का एक प्रमुख बिंदु हवाई हमले रहे हैं। मंगलवार को ईरान ने इजरायल के तेल अवीव स्थित मोसाद ( इजरायली खुफिया एजेंसी) के मुख्यालय पर हमला किया। इसके अलावा, इजरायली मिलिट्री इंटेलिजेंस के मुख्यालय AMAN को भी निशाना बनाया गया। इस हमले के बाद, इजरायल ने जवाबी हमले किए, जिनमें ईरान के डिप्टी कमांडर मेजर जनरल अली शादमानी की मौत हो गई। शादमानी ईरान के खतम-अल-अनबिया हेडक्वार्टर्स के प्रमुख थे, जो युद्ध के दौरान पूरे देश की सैन्य रणनीति और एयर डिफेंस को देखता है।

संघर्ष के परिणाम

अब तक इस संघर्ष में भारी नुकसान हो चुका है। इजरायल में 24 लोग मारे गए हैं और 600 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, वहीं ईरान में 224 लोग मारे गए हैं और 1,481 लोग घायल हुए हैं। यह संघर्ष दोनों देशों के लिए विनाशकारी साबित हो रहा है, और इसके नतीजे न केवल इन दो देशों, बल्कि पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र को प्रभावित कर सकते हैं।

ईरान- इजरायल संघर्ष में भारतीय छात्र घायल, 10 हजार भारतीयों को रेस्क्यू करेगा भारत

जॉर्डन की चिंता

जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला ने इस संघर्ष को लेकर यूरोपीय संसद से बात करते हुए कहा कि इजरायल का हमला मध्य-पूर्व में तनाव को और बढ़ा सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस संघर्ष के परिणामस्वरूप पूरी दुनिया के लिए खतरे की स्थिति पैदा हो सकती है। उनका कहना है कि इजरायल की आक्रामक कार्रवाइयों के बाद यह तय नहीं है कि यह युद्ध कहां तक फैलेगा।

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