राजस्थान में बड़ा एक्शन, एसएचओ की वर्दी फाड़ने पर छात्र नेता निर्मल चौधरी गिरफ्तार

राजस्थान में रेजीडेंट चिकित्सक डॉ. राकेश विश्नोई द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद शुरू हुआ धरना आंदोलन शनिवार को समाप्त हो गया, लेकिन पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कांग्रेस के छात्र नेता निर्मल चौधरी को गिरफ्तार कर लिया।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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जयपुर। राजस्थान में रेजीडेंट चिकित्सक डॉ. राकेश विश्नोई के सुसाइड मामले को लेकर धरना समाप्त होते ही पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शनिवार को प्रमुख प्रदर्शनकारी कांग्रेस (CONGRESS )के छात्र नेता निर्मल चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। चौधरी की गिरफ्तारी जयपुर में गांधी नगर थाना पुलिस की ओर से की गई। हालांकि, पुलिस के अनुसार चौधरी की गिरफ्तारी एक पुराने मामले में की गई है। 

पुलिस का कहना है कि इस मामले में कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया को गिरफ्तार नहीं किया गया है। सूत्रों ने बताया कि पूनिया छात्र नेता निर्मल चौधरी को हिरासत में लेते समय पुलिस गाड़ी में बैठकर थाना आ गए थे। बाद में वे वहां से चले गए। बताया जाता है कि निर्मल चौधरी को 2022 में पुलिस में दर्ज हुए एक मामले में गिरफ्तार किया है। उन पर थानाधिकारी की वर्दी फाडऩे, राजकार्य में बाधा पहुंचाने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में गिरफ्तारी की गई है।   

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गिरफ्तारी से भड़के सांसद बेनीवाल 

आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने निर्मल चौधरी की गिरफ्तारी पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि विधायक अभिमन्यु पुनिया व राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी को राजस्थान विश्वविद्यालय को कैंपस से पुलिस द्वारा गिरफ्तार करना न केवल जयपुर पुलिस का दोगलापन है बल्कि यह राजस्थान विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर जयपुर पुलिस का सीधाय हमला है। मैं इस गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं। प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा त्वरित संज्ञान लेकर दोनों को तत्काल रिहा करवाएं।

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गहलोत बोले, गिरफ्तारी अन्यायपूर्ण

उधर, सूत्रों का कहना है कि अब अभिमन्यु पूनिया और अन्य लोग सिविल लाइंस में सचिन पायलट के बंगले पर  जुट रहे हैं। पायलट के आवास पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो रहे हैं। उधर, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि विधायक और छात्र नेता को हिरासत में लेना अन्यायपूर्ण और लोकतंत्र का उल्लंघन है। 

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लोकतांत्रिक मर्यादाओं का घोर उल्लंघन

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि यह गिरफ्तारी न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि यह जनता द्वारा चुने गए विधायक के संवैधानिक अधिकारों और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का घोर उल्लंघन है। लोकतंत्र में हर व्यक्ति को, विशेष रूप से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को न्याय के लिए आवाज़ उठाने, धरना देने और जनहित में आंदोलन करने का संवैधानिक अधिकार है।

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