Jammu : जम्मू-कश्मीर के बारामूला के गुलमर्ग के नागिन इलाके में 24 अक्टूबर, गुरुवार को एलओसी के पास आतंकियों ने 18 राष्ट्रीय राइफल्स के एक वाहन पर हमला कर दिया। इसमें एक पोर्टर की मौत गई, जबकि सेना के चार जवान घायल हो गए। पोर्टर ऊंचे पहाड़ी इलाकों में सैन्य सामग्री पहुंचाने में मदद कर रहे थे।
हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया। आतंकियों की तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है। इससे पहले दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के बटगुंड इलाके में एक मजदूर पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें वह घायल हो गया था।
आतंकी हमलों में बढ़ोतरी, हाई-लेवल मीटिंग हुई
पिछले एक हफ्ते में जम्मू-कश्मीर में हुए हमलों में आठ लोगों की जान गई है। 20 अक्टूबर को गांदरबल और 18 अक्टूबर को शोपियां में टारगेट किलिंग की घटनाएं सामने आई थीं। हमलों को देखते हुए राजभवन में हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें नॉर्थ विंग कमांडर, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी, कोर कमांडर और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल रहे।
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में आतंकी हमला, 3 मजदूर सहित 6 की मौत, कई घायल
टीआरएफ की एक्टिविटी बढ़ीं
जम्मू-कश्मीर में हुए इन हमलों की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी TRF ने ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टीआरएफ ने पिछले कुछ सालों में रणनीति में बदलाव किया है। पहले यह संगठन कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाता था, अब अब यह गैर-कश्मीरियों, सिखों और प्रवासी कामगारों पर हमला कर रहा है।
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भारत में TRF आतंकी संगठन
TRF को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है, जिसे लश्कर और जैश जैसे संगठनों के कैडर से मिलाकर बनाया गया है। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से यह संगठन लगातार सक्रिय है। टीआरएफ का मकसद सरकार की योजनाओं को बाधित करना कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास को रोकना और अस्थिरता फैलाना है।
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