लाखों फॉलोअर्स वाली कमल कौर भाभी के अंतिम संस्कार में पहुंचे मात्र तीन लोग, एक अनकही कहानी

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कमल कौर उर्फ कंचन के पास लाखों फॉलोअर्स थे। लेकिन जब उनकी मौत हुई, तो उनके अंतिम संस्कार में केवल तीन लोग शामिल हुए। उनकी हत्या की साजिश की गई थी, और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कमल कौर भाभी, जिनका असली नाम कंचन था, सोशल मीडिया पर लोकप्रिय थीं। वह लुधियाना की रहने वाली थीं और इंस्टाग्राम पर चार लाख फॉलोअर्स रखती थीं। उनके यूट्यूब चैनलों पर भी लाखों सब्सक्राइबर थे। कंचन ने कोरोना महामारी के दौरान बैंक की नौकरी छोड़कर सोशल मीडिया पर सक्रियता शुरू की थी।

सोशल मीडिया पर कंचन की पहचान

कंचन ने तीन साल पहले कमल कौर भाभी के नाम से अपनी पहचान बनाई थी। वह अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी लाइफस्टाइल, महंगे कपड़े, शॉपिंग और सैलून व लॉन्जरी लाइफ से जुड़े रील्स पोस्ट करती थीं। वह एक स्टाइलिश और फैशनेबल व्यक्तित्व के रूप में पहचानी जाती थीं। हालांकि, उनके द्वारा बनाए गए कई पोस्ट विवादों में भी रहे। उन्होंने कई बार महिलाओं के अंडरगारमेंट्स पर कंटेंट भी पोस्ट किया था, जिससे वह चर्चा में आईं।

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कंचन की विवादास्पद रील्स और धमकी 

कंचन को अपनी विवादास्पद रील्स के कारण कई बार आलोचना का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, सात महीने पहले उसे आतंकी अर्श डल्ला से जान से मारने की धमकी भी मिली थी। बावजूद इसके, कंचन ने अपने काम को जारी रखा और सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बनाये रखी।

कंचन की मौत और अंतिम संस्कार 

कंचन का शव 11 जून 2025 को बठिंडा में उसकी कार से बरामद हुआ। शव सड़ी-गली हालत में था, जो कंचन की मौत की परिस्थितियों को और अधिक संदिग्ध बना रहा था। कंचन की हत्या की साजिश निहंग अमृतपाल मेहरों ने दो साथियों के साथ मिलकर रची थी। इस हत्याकांड में बठिंडा पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान मोगा के जसप्रीत सिंह मेहरू और तरनतारन के निमनरजीत सिंह के रूप में हुई है।

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अंतिम संस्कार में केवल 3 लोग

कंचन के निधन के बाद सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोअर्स के बावजूद, उनके अंतिम संस्कार में केवल तीन लोग शामिल हुए थे। इनमें उनकी मां, बहन और एक भाई थे। उनके दूसरे भाई और कोई रिश्तेदार अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए। कंचन की मां और बहन के लिए यह पल बेहद दर्दनाक था।

कंचन का अंतिम संस्कार लुधियाना में नहीं, बल्कि बठिंडा में किया गया। उनकी हत्या बठिंडा में हुई थी और पोस्टमॉर्टम के बाद, परिवार ने शव को लुधियाना न ले जाकर बठिंडा में ही अंतिम संस्कार किया। कंचन की मौत और अंतिम संस्कार की ये परिस्थितियां कई सवाल खड़े करती हैं।

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कंचन की पारिवारिक स्थिति 

कंचन अपने परिवार की कमाई का प्रमुख स्रोत थी। वह अपनी मां और बहन के साथ ग्यासपुरा इलाके के लक्ष्मण नगर में रहती थी। उसके पिता की मृत्यु 7-8 साल पहले बीमारी के कारण हुई थी। कंचन ही घर का खर्च उठाती थी और उसकी मां को उस पर पूरा भरोसा था।

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कंचन की हत्या की साजिश 

कंचन की हत्या की साजिश को अमृतपाल मेहरों ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया। बठिंडा पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हत्याकांड के मास्टरमाइंड अमृतपाल यूएई फरार हो गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।

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