/sootr/media/media_files/2025/03/04/b54dfiFNdBFgDg8eq1Mq.jpg)
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) जिले में एक परिवार को 15 साल पुरानी मारपीट की एक घटना का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस मामले में पुलिस ने 10 साल पहले मृत हो चुके व्यक्ति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। वारंट लेकर पुलिस जब मृतक के परिवार के घर पहुंची तो उन्हें इस मामले का पता चला।
मृतक की मौत के 10 साल बाद गिरफ्तारी वारंट
दरअसल, जिले के अर्मापुर (Armapur) थाने से जुड़ा यह मामला 15 साल पुराना है, जिसमें आरोपी दुर्गेश दीक्षित का निधन 2015 में हुआ था। दुर्गेश के खिलाफ मारपीट, धमकी, और बंधक बनाने जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने पहले भी दुर्गेश के खिलाफ समन और वारंट जारी किए थे, लेकिन वे कभी घर तक नहीं पहुंचे।
ये भी खबर पढ़ें... उत्तर प्रदेश जा रही एंबुलेंस सिवनी में पलटी, चार की मौत, 5 लोग घायल
मृतक के परिवार का दावा
विनोद दीक्षित, जो मृतक के रिश्तेदार हैं, उन्होंने बताया कि दुर्गेश का लिवर खराब हो गया था और वह शराब का सेवन करता था। विनोद दीक्षित के मुताबिक, 2015 में वसंत पंचमी (Vasant Panchami) के दिन दुर्गेश की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
परिवार को हो रही है परेशानी
विनोद के मुताबिक, जब पुलिस उनके रिश्तेदार के घर पहुंची तो उन्होंने दुर्गेश की मौत की जानकारी दी। परिवार के पास मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं था, लेकिन घाट की पर्ची के जरिए प्रमाण दिया गया। इसके बावजूद पुलिस ने गिरफ्तार करने की धमकी दी है और 19 मार्च तक कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है।
ये भी खबर पढ़ें... क्यों विवादों में उत्तर प्रदेश का संभल, क्या यहां हुआ था कल्कि अवतार!
पुलिस की कार्रवाई से परेशान परिवार का बयान
वहीं पुलिस की इस कार्रवाई के बाद परिवार वाले बेहद परेशान हैं और उनका कहना है कि दुर्गेश की मौत के बाद उन्होंने मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए ज्यादा प्रयास नहीं किए थे। अब पुलिस लगातार उनके घर आकर मृतक को कोर्ट में पेश करने की धमकी दे रही है।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक