क्यों विवादों में उत्तर प्रदेश का संभल, क्या यहां हुआ था कल्कि अवतार!

संभल की जामा मस्जिद का सर्वे विवादों में है। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह प्राचीन हरिहर मंदिर था, वहीं मुस्लिम पक्ष इस दावे को खारिज करता है।

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Dr Rameshwar Dayal
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उत्तर प्रदेश का संभल जिला एक बार फिर चर्चा में है। यहां की जामा मस्जिद का सर्वे चल रहा है, जिसके बारे में हिंदू पक्ष दावा कर रहा है कि पुराने समय में यह हरिहर मंदिर था और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहीं पर भगवान विष्णु को अपने आखिर दशावतार के रूप में कल्कि का अवतार लेना है। दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ऐसे किसी दावे से इनकार कर रहा है और उसका कहना है कि किसी भी मंदिर को तोड़कर यहां पर मस्जिद नहीं बनाई है। वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी साल संभल में कल्कि धाम की आधारशिला रख चुके हैं। देश के प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि भगवान कल्कि का अवतार इसी जिले में है।

आइए पहले इस विवाद को समझ लें

हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि संभल की जामा मस्जिद को मंदिर तोड़कर बनाया गया है। जिसके बाद स्थानीय अदालत के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया जा रहा है। हाल ही में शासन की ओर से इस मस्जिद का सर्वे किया गया, जिसको लेकर यहां तनाव जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। यह सर्वे लगातार जारी है। याचिकाकर्ता एडवोकेट विष्णु शंकर जैन का दावा है कि वहां एक मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। दूसरी ओर संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क का भी दावा है कि संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है। वह 1991 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश का हवाला देते हैं, जिसमें कहा गया है कि 1947 में जो भी धार्मिक स्थल, जिस स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर उसी स्थिति में ही रहेंगे। उनका आरोप है कि उसके बाद भी कुछ लोग देश और प्रदेश का माहौल खराब करने में लगे रहते हैं।

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क्या हैं दावे- प्रतिदावे

याचिकाकर्ता हरिशंकर जैन ने अपनी याचिका में बाबरनामा का हवाला दिया है। उन्होंने कहा है कि बाबरनामा के अंग्रेजी अनुवाद में दर्ज है कि बाबर के दरबारी मीर बेग ने मंदिर का परिवर्तन मस्जिद के रूप में किया था। किताब के पेज नंबर 687 पर लिखा है कि बाबर के आदेश पर मीर हिंदू बेग ने यह काम किया था। उनका कहना है कि यह भारतीय पुरातत्व सर्वे (ASI) का प्रोटेक्टेड एरिया है। उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि संभल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दशावतार में से कल्कि अवतार यहां पर ही होना है। दूसरी ओर सांसद बर्क का कहना है कि हम उनके खिलाफ हैं। यहां आए कमीशन ने अपनी सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली है। उन्हें एक इंच जगह पर भी आपत्ति नहीं हो सकती। वहां मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी।

एएसआई की पुरानी रिपोर्ट क्यों है चर्चा में

इस विवाद के बीच एएसआई की एक पुरानी रिपोर्ट फिर से चर्चा में आ गई है। जिसे साल साल 1879 में तैयार किया गया था। इस रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि संभल की जामा मस्जिद प्राचीन काल में हिंदू मंदिर थी। इस रिपोर्ट को तत्कालीन अंग्रेज अफसर एसीएल कारलेले के नेतृत्व में तैयार कया गया था। 'टूर्स इन द सेंट्रल दोआब एंड गोरखपुर इन- 1874-1875 एंड 1875-76' (A Tours In The Central Doab And Gorakhpur In 1874-75 And 1875-76. by: Carlleyle, A. C. L.) शीर्षक वाले इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मस्जिद के अंदरूनी और बाहरी खंभे पुराने हिंदू मंदिर के हैं। इसे पलस्तर लगाकर छिपा दिया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार ईंटों के पीछे सर्वे किया गया तो पता चला कि इसके पीछे लाल रंग का ऐसा खंभा है जो सिर्फ हिंदू मंदिरों में होते हैं। रिपोर्ट में एक शिलालेख का भी जिक्र है, जिस पर लिखा है कि इसका निर्माण रबी-अल-अव्वल के महीने के पहले दिन 933 हिजरी साल को हुआ था। हिंदू मंदिर को मस्जिद में बदलने वाला या बल्कि उसे बनाने वाला मीर हिंदू बेग था।

प्रधानमंत्री कल्कि परिसर का शिलान्यास कर चुके हैं

संभल में यह विवाद चल रहा है तो दूसरी ओर इसी साल फरवरी माह में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी वहां श्री कल्कि धाम की आधारशिला रख चुके हैं। यहां बनने वाला मंदिर भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्कि को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के दसों अवतारों के लिए अलग-अलग गर्भगृह होंगे। मंदिर में 68 तीर्थों की स्थापना होगी। यह मंदिर 5 एकड़ में बन रहा है और इसे 5 साल में तैयार किया जाना है। इस मंदिर में अयोध्या मंदिर की तरह गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा। मंदिर 11 फुट ऊंचे चबूतरे पर होगा और इसकी शिखर की ऊंचाई 108 फ़ुट होगी।

प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में कल्कि व संभल का वर्णन

प्राचीन धार्मिक ग्रंथ कल्कि पुराण, अग्नि पुराण, ब्रह्मांड पुराण, भविष्योत्तर पुराण और महाकाव्य महाभारत में इसका वर्णन है। कल्कि पुराण और अग्नि पुराण में यह भविष्यवाणी की गई है कि भगवान विष्णु के 'कल्कि' अवतार कलियुग के अंत में अवतरित होंगे। धार्मिक पुराणों के अनुसार कलयुग लगभग 432,000 वर्षों का है, जिसका अभी प्रथम चरण चल रहा है। कल्कि पुराण में बताया गया है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक जिले में होगा। इनका जन्म एक ब्रह्माण परिवार में होगा। इनके पिता का नाम विष्णुयश होगा और माता का नाम सुमति होगा।

इस खबर से जुडे़ सामान्य सवाल

संभल विवाद क्या है?
संभल विवाद जामा मस्जिद के मंदिर से मस्जिद में बदले जाने के दावे पर आधारित है।
कल्कि अवतार की भविष्यवाणी किस ग्रंथ में है?
कल्कि पुराण, अग्नि पुराण, और महाभारत में कल्कि अवतार का उल्लेख है।
क्या एएसआई रिपोर्ट में मस्जिद को मंदिर बताया गया है?
1879 की एएसआई रिपोर्ट में मस्जिद को प्राचीन हिंदू मंदिर बताया गया है।
प्रधानमंत्री ने संभल में क्या परियोजना शुरू की है?
प्रधानमंत्री ने श्री कल्कि धाम की आधारशिला रखी है।
जामा मस्जिद का सर्वे क्यों हो रहा है?
अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वे मंदिर के दावे की सत्यता के लिए हो रहा है।

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