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केरल हाईकोर्ट ने तुलसी के पौधे के अपमान के मामले में आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। आरोपी अब्दुल ने गुप्तांग (private part) के बाल तुलसी के पौधे पर डालने का घिनौना कार्य किया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कोर्ट ने इसे हिंदू धर्म की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताया और केरल पुलिस को निर्देश दिया कि वे इस मामले में कानूनी कार्रवाई करें।
हाईकोर्ट का सख्त रुख और कार्रवाई के निर्देश
केरल हाईकोर्ट ने तुलसी के अपमान के मामले में सख्त रुख अपनाया। हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि वह "तुलसीथारा" (हिंदू घरों के आंगन में लगे पवित्र तुलसी के पौधे) का अपमान करने वाले आरोपी शख्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। यह मामला इस साल की शुरूआत में सामने आया था जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक युवक तुलसी के पौधे में गुप्तांग के बाल डालते हुए दिखाई दे रहा था। वीडियो में आरोपी अब्दुल हकीम नामक व्यक्ति को देखा जा सकता है, जो इस घिनौने कृत्य को अंजाम दे रहा था।
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यह हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य
न्यायमूर्ति पीवी कुन्हिकृष्णन की पीठ ने अलप्पुझा के निवासी श्रीराज आरए की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश सुनाया। हाईकोर्ट ने कहा कि यह कृत्य निश्चित रूप से हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। कोर्ट ने आगे कहा कि हिंदू धर्म के अनुसार तुलसीथारा एक पवित्र स्थान है। अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि आरोपी अब्दुल के खिलाफ अब तक कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। वह गुरुवायूर मंदिर परिसर के एक होटल का मालिक है।
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वायरल हुआ था तुलसी के अपमान का वीडियो
दरअसल, त्रिशूर जिले के गुरुवायूर में तुलसी के अपमान का वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो के वायरल होने के बाद मामले की कार्रवाई की मांग तेज हो गई। पुलिस ने इस मामले में गुरुवायूर के मंदिर पुलिस थाने में श्रीराज के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। श्रीराज पर वैमनस्यता फैलाने और सार्वजनिक उपद्रव के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद वीडियो अपलोड करने के आरोप में अलप्पुझा के रहने वाले श्रीराज को गिरफ्तार किया गया था। इस वीडियो में अब्दुल हकीम नाम का व्यक्ति "तुलसीथारा" में गुप्तांग के बाल डालते दिखाई दे रहा था। जिसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।
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श्रीराज पर केस, अब्दुल के खिलाफ कोई केस नहीं
अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए श्रीराज को राहत देते हुए जमानत दे दी। इस दौरान अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि पुलिस ने वीडियो में दिखाई दे रहे अब्दुल हकीम के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया गया। वह अभी भी आजाद घूम रहा है। अदालत ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए पुलिस को निर्देश दिए कि वे आरोपी के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करें।
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हाईकोर्ट ने खारिज की अभियोजन पक्ष की दलील
अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि अगर अब्दुल हकीम मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति है तो उसे मंदिर परिसर में व्यवसाय संचालित करने और वाहन चलाने की अनुमति कैसे मिली? इस मामले में हाईकोर्ट ने अभियोजन पक्ष की दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि आरोपी मानसिक रूप से अस्वस्थ है। अब्दुल हकीम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को लेकर अब पुलिस को सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला
✅ केरल हाईकोर्ट ने तुलसी के पौधे के अपमान के आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया।
✅ आरोपी अब्दुल हकीम ने तुलसी पर गुप्तांग के बाल डाले, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
✅ कोर्ट ने इसे हिंदू धर्म की भावनाओं के खिलाफ माना और पुलिस को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
✅ पुलिस ने पहले श्रीराज को गिरफ्तार किया, लेकिन अब्दुल हकीम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
✅हाईकोर्ट ने आरोपी के मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए और पुलिस को मामले की सही जांच करने को कहा।
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