प्रयागराज महाकुंभ के बीच किन्नर अखाड़ा की चर्चा जोरों पर है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाई गईं अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को पदमुक्त कर दिया है, साथ ही किन्नर अखाड़ा से महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को निलंबित किया है। अजय दास का कहना है कि ममता को महामंडलेश्वर पद पर प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्त किया गया था, और ममता पर देशद्रोह का आरोप भी लगा है। फिर उसे महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है? अजय दास का दावा है कि उन्होंने ने ही किन्नर अखाड़ा की स्थापना की है, लेकिन वो न तो किन्नर हैं और न ही कभी किन्नरों के लिए कोई आंदोलन किया है।
नहीं हुआ सही प्रक्रिया का पालन
ऋषि अजय दास ने कहा, "यह कोई बिग बॉस का शो नहीं है, जिसे एक महीने के लिए कुंभ के दौरान चला दिया जाए। ममता को महामंडलेश्वर बनाने में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।" इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर समाज के उत्थान और धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए महामंडलेश्वर बनाया गया था, लेकिन वह अपने मार्ग से भटक गईं, इसलिए उन्हें पदमुक्त करना पड़ा। अजय दास ने कहा कि लक्ष्मीनारायण ने देशहित को छोड़कर ममता को महामंडलेश्वर बना दिया।
ममता कुलकर्णी को झटका, किन्नर अखाड़े से निष्कासित, महामंडलेश्वर का छीना ताज
किन्नर अखाड़े की स्थापना
खुद को किन्नर अखाड़ा के संस्थापक बताने वाले ऋषि अजय दास उज्जैन की अध्यात्म वाटिका (हासमपुरा) के रहने वाले हैं। किन्नर अखाड़ा की स्थापना उज्जैन सिहंस्थ के पहले 2015 में मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुई थी, और इसका उद्देश्य किन्नरों को एक धार्मिक पहचान देना था। अखाड़े का मानना था कि किन्नरों को समाज में उचित स्थान मिलना चाहिए, और इस उद्देश्य के तहत उन्होंने उन किन्नरों को भी अपनी ओर खींचा, जिन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम को अपनाया था।
अजय दास का दावा
ऋषि अजय दास ने दावा किया कि उन्होंने ही किन्नर अखाड़े की स्थापना की थी और वह न तो किन्नर हैं और न ही कभी किन्नरों के लिए किसी आंदोलन का हिस्सा रहे हैं। किन्नर अखाड़ा ने इस अखाड़े के स्थापना के बाद किन्नरों को धार्मिक पहचान देने के लिए उनका पेशवाई कराया और सिंहस्थ कुंभ में उन्हें जगह दिलवायी।
प्रयागराज महाकुंभ के लिए फ्लाइट किराया हुआ आधा, सरकार के आदेश से यात्रियों को मिली राहत
जूना अखाड़े से हुआ समझौता
2019 में प्रयागराज के अर्ध कुंभ से पहले, किन्नर अखाड़े ने श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के साथ एक समझौता किया। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े ने किन्नर अखाड़े को सनातन परंपरा को मजबूत करने के लिए साथ जोड़ा था। अजय दास ने इस समझौते को अनैतिक बताते हुए कहा कि यह समझौता कानूनी रूप से सही नहीं है और इसके परिणामस्वरूप किन्नर अखाड़े के प्रतीक चिन्हों को भी नुकसान हुआ है।
महाकुंभ में भगदड़ के बाद पुजारी महासंघ सख्त, VIP एंट्री पर रोक की मांग
ऋषि अजय दास से जुड़े विवाद
अजय दास के जीवन में कई विवाद रहे हैं। एक महत्वपूर्ण विवाद तब उठा जब उन्होंने 'विवाह एक नैतिक बलात्कार' नाम से एक किताब लिखी, जिसका भोपाल के रवींद्र भवन में विमोचन होना था। इस कार्यक्रम में बिहार के लवगुरु मटुकनाथ और उनकी प्रेमिका जूली भी शामिल होने वाले थे। लेकिन विश्व हिंदू परिषद ने इस कार्यक्रम का विरोध किया और अजय दास के साथ मारपीट भी की। इसके कारण कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सका।इसके अतिरिक्त, अजय दास नर्मदा नदी को बचाने के लिए भी धार्मिक आंदोलन करते रहे हैं, और उन्हें कंप्यूटर बाबा जैसे किन्नर अखाड़े के समर्थकों का भी साथ मिला है।
भगदड़ के बाद महाकुंभ के प्रोटोकॉल में हुए ये बड़े बदलाव, 4 फरवरी तक रहेगी सख्ती