भगदड़ के बाद महाकुंभ के प्रोटोकॉल में हुए ये बड़े बदलाव, 4 फरवरी तक रहेगी सख्ती
महाकुंभ मेला में संगम तट पर हुई भगदड़ के बाद प्रशासन ने सुरक्षा कड़े किए हैं। 4 फरवरी तक नो-व्हीकल जोन, वन-वे ट्रैफिक और 360 स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं।
महाकुंभ मेला, जो हर वर्ष श्रद्धालुओं का आकर्षण केंद्र बनता है, इस बार हादसों के कारण सुर्खियों में है। खबरों के मुताबिक, संगम तट पर मची भगदड़ में 35 से 40 लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे प्रशासन ने मेले में भारी बदलाव किए हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से कई कड़े कदम उठाए हैं।
इनमें प्रमुख बदलाव यह हैं कि 4 फरवरी तक सभी वाहनों की मेला क्षेत्र में एंट्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। रेलवे ने 360 स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं ताकि श्रद्धालु अपने घर लौट सकें। इसके साथ ही, प्रशासन ने मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की दोहराव न हो।
बता दें कि, भगदड़ के बाद प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। मेला क्षेत्र में किसी भी वाहन की एंट्री अब 4 फरवरी तक पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है। वीवीआईपी पास भी रद्द कर दिए गए हैं, ताकि कोई भी वाहन मेला क्षेत्र में न आ सके। यह निर्णय मेला क्षेत्र में सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया है।
वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू
वहीं, संगम क्षेत्र में अच्छे ट्रैफिक संचालन के लिए प्रशासन ने वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू की है। अब श्रद्धालु एक ही रास्ते से आते हैं और स्नान के बाद उन्हें दूसरे रास्ते से भेजा जाता है। इससे भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है और दुर्घटनाओं की संभावना कम हो रही है।
भगदड़ के बाद रेलवे ने 360 स्पेशल ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है, जिससे श्रद्धालु सुरक्षित रूप से वापस जा सकें। ये ट्रेनें मेला क्षेत्र से बाहर जाने वाले श्रद्धालुओं को उनके घरों तक पहुंचाने में मदद करेंगी। रेलवे ने कहा है कि भीड़ को देखते हुए इन ट्रेनों की संख्या और बढ़ाई जाएगी।
वहीं मेले में किसी भी प्रकार के वाहन की एंट्री न होने से पार्किंग की व्यवस्था भी फिर से बनाई गई है। अब श्रद्धालु मेला क्षेत्र के बाहर निर्धारित पार्किंग स्थल पर अपनी गाड़ियां छोड़ेंगे और फिर शटल सेवाओं के जरिए मेला क्षेत्र तक पहुंचेंगे। इससे शहर में यातायात की जटिलता कम होने की उम्मीद है।
प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था
बता दें कि, भगदड़ के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था में किए गए कड़े बदलाव किए गए हैं। पुलिस ने प्रमुख मार्गों पर सख्त निगरानी रखी है और श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है। इसके अलावा, विशेष सुरक्षा यंत्र का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।