भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी के रूप में दर्ज किरण बेदी अपने करियर में एक "सुपर कॉप" के रूप में पहचानी जाती रही हैं। दिल्ली पुलिस में रहने के दौरान वह अपनी बेदाग छवी के लिए जानी जाती रही हैं, लेकिन उनके बारे में हाल में कुछ गंभीर आरोप सामने आए हैं। न्यूजलॉन्ड्री के अनुसार, 2003 में बेदी ने अपनी बेटी और एक होटल व्यवसायी पर एक निगरानी अभियान चलवाया था। इस अभियान में दिल्ली पुलिस का दुरुपयोग किया गया था, और आरोप है कि इसका उद्देश्य एक कथित वीजा घोटाले में शामिल लोगों पर नजर रखना था, जिसे लेकर न्यूजलॉन्ड्री ने बड़ा दावा किया है।
साइना और गोपाल की निगरानी
न्यूजलॉन्ड्री की रिपोर्ट के मुताबिक, साइना और मध्य दिल्ली के एक विवाहित होटल व्यवसायी गोपाल के बीच गुप्त प्रेम संबंध था, और वे दोनों एक गैरकानूनी योजना में शामिल थे, जिसमें अंतरराष्ट्रीय वीजा हासिल करने के नाम पर पैसे कमाए जा रहे थे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य एक विवाहित होटल व्यवसायी गोपाल सूरी द्वारा चलाया जा रहा था, जो अपनी गतिविधियों से मानव तस्करी के व्यापार में संलिप्त था।
किरण का विरोध
किरण, जो कि एक उच्च पदस्थ अधिकारी थीं, इस व्यवसाय को लेकर चिंतित थीं और उन्होंने साइना और गोपाल की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक निगरानी अभियान शुरू किया। यह अभियान दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के माध्यम से चला, और उनकी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए, उन्होंने गोपाल और साइना के खिलाफ जानकारी जुटाई। किरण ने गोपाल के व्यापार को "मानव तस्करी" के रूप में चिह्नित किया और इस मामले पर सार्वजनिक चेतावनी जारी करने का फैसला लिया।
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ऑपरेशन की जांच
किरण द्वारा शुरू की गई इस निगरानी ऑपरेशन के परिणामस्वरूप कई ईमेल्स, रिकॉर्ड किए गए कैसेट टेप्स और जासूसी एजेंसी की रिपोर्ट सामने आईं। यह सामग्री यह साबित करती है कि यह निगरानी ऑपरेशन गैरकानूनी तरीके से चलाया गया था और इसमें दोनों संदिग्धों की निजता का उल्लंघन हुआ। इसके बावजूद, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने इस मामले में कोई औपचारिक कानूनी कार्रवाई नहीं की, भले ही उन्हें पता था कि गोपाल और साइना की गतिविधियां संदिग्ध हैं।
संदिग्ध यौन उत्पीड़न का सुराग
न्यूजलॉन्ड्री ने अपनी रिपोर्ट में ये भी बताया है कि इस निगरानी ऑपरेशन से एक स्विस राजनयिक के यौन उत्पीड़न के बारे में सुराग मिला था, जो बाद में अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाया। यह तथ्य इस निगरानी ऑपरेशन की गहरी और पेचीदी स्थिति को उजागर करता है, जिसमें निजी मामले की जांच से अधिक गंभीर सामाजिक मुद्दे सामने आए।
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किरण बेदी ने आरोप को नकारा
वहीं इन तमाम आरोपों पर किरण बेदी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैंने केवल पुलिस से अनुरोध किया था कि मेरी बेटी को बचाया जाए और कुछ नहीं। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, खुद पर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए किरण बेदी ने कहा, जब मेरी बेटी को 22 साल पहले झूठे जाल में फंसाया जा रहा था, तब मैंने पुलिस से अनुरोध किया था कि एक निर्दोष जीवन को बचाएं। पुलिस ने अपना कर्तव्य निभाया और मैंने एक मां के रूप में अपना।
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