कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज ( RG Kar Medical College ) में लेडी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में कॉलेज के छात्रों (college students ) और अस्पताल के जूनियर डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच अब हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट द्वारा लिखे गए पत्र की कॉपी उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भी भेजी गई है।
4 पन्नों के पत्र में किया दर्द बयां
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट द्वारा लिखे गए 4 पन्नों के पत्र में डॉक्टरों ने राष्ट्रपति से कहा, देश की प्रमुख होने के नाते हम इन मुद्दों को आपके समक्ष रखते हैं, ताकि हमारी उस सहयोगी को न्याय मिल सके जिसके साथ घटना घटी है। उन्होंने लिखा कि इस कठिन समय में आपका हस्तक्षेप हम सभी के लिए प्रकाश की एक किरण की तरह होगा और इस अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगा। आंदोलनकारी डॉक्टरों में शामिल अनिकेत महतो ने पीटीआई को बताया कि पत्र के गुरुवार,12 सितंबर को भेजा गया है।
डॉक्टरों ने पत्र में लिखा, इस मामले ने पूरे देश को जगा दिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों ने न्याय की मांग करते हुए 'रिक्लेम द नाइट' जैसे आंदोलनों के माध्यम से पीड़िता के साथ एकजुटता दिखाई है। उन्होंने कहा कि भय, अविश्वास और निराशा के इस परेशान करने वाले माहौल में पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर अस्पताल में काम रोकने के लिए मजबूर हो गए हैं।
'राज्यपाल ने किया था मुख्यमंत्री का सामाजिक बहिष्कार'
इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सामाजिक बहिष्कार करने की बात करते हुए कहा था, मैं मुख्यमंत्री के साथ से कोई सार्वजनिक मंच साझा नहीं करूंगा। मैं संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ सक्रिय कदम उठाऊंगा। राज्यपाल के रूप में मेरी भूमिका संवैधानिक दायित्वों तक ही सीमित रहेगी। उन्होंने कहा कि वह बंगाल के लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
मेडिकल कॉलेज में हुआ था दुष्कर्म
आपको बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज ( RG Kar Medical College ) एवं अस्पताल में 9 अगस्त को एक महिला ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या की घटना से देशभर में गुस्से का माहौल है। इस घटना के बाद से देश के कई हिस्सों में डॉक्टर्स स्ट्राइक (doctors strike ) पर चले गए थे और स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई थीं।
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