क्या आपभी अच्छी सेहत पाने के लिए रियल फ्रूट जूस पीते हैं तो सावधान हो जाइए! क्येंकि ये जूस हमें सेहतमंद बनाने की बजाय बीमार कर रहे हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं। यह दावा है भारत की सबसे पुरानी और सबसे विश्वसनीय हेल्थ रिसर्च बॉडी इंडियन काउंसिंल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) का है।
ICMR exposes misleading food labels! "Sugar-free" doesn't mean healthy & "real fruit" might be mostly sugar! Read labels carefully for informed choices! #hindustanherald #ICMR #FoodLabels #HealthyEating #BeSmart #EatSmart pic.twitter.com/A1I06ZChMA
— Hindustan Herald (@hindustanherald) June 4, 2024
रियल फ्रूट जूस पीकर पड़ सकते हैं बीमार
ICMR का ये दावा है कि अगर हम पैकेज्ड फूड के लेबल को देखकर इसका उपयोग कर रहे हैं,तो अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। क्योंकि पैकेज्ड फूड के लेबल भ्रामक या गलत हो सकते हैं। रियल फ्रूट जूस बताकर बेचे जा रहे जूस के पैकेट में सेब, अनार और चुकंदर का रस नहीं है, बल्कि ढेर सारी चीनी घोली गई है और इन फलों का आर्टिफिशियल फ्लेवर मिलाया गया है। तभी ये फलों के मुकाबले इतने सस्ते भी हैं और इतने मीठे भी।
शुगर-फ्री टैग के साथ बिक रहे फूड आइटम्स खतरनाक
ICMR के मुताबिक, शुगर-फ्री टैग के साथ बिक रहे फूड आइटम्स भी हमारे साथ धोखा है। इनमें रिफाइंड फैट, प्योरीफाइड आर्टिफिशियल न्यूट्रिएंट्स और यहां तक कि शुगर भी मिला हो सकता है। यानी बाजार से जो चीजें हम यह सोचकर खरीदकर ला रहे हैं कि इससे हमारी सेहत को फायदा होगा, वो दरअसल हमारी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही हैं।
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ICMR ने क्या कहा है एडवाइजरी में ?
ICMR के मुताबिक, Packaged Foods पर सेहत को लेकर किए गए दावे कंज्यूमर्स का ध्यान आकर्षित करने और उन्हें फूड आइटम खरीदने के लिए कन्विंस करने के लिए किए जाते हैं।और ये फूड आइटम्स बनाने वाली कंपनी हमारी सेहत के साथ धोखा कर रही है।
रियल फ्रूट जूस खतरनाक
ICMR के मुताबिक, बाजार में मिल रहे रियल फ्रूट जूस असल में फलों का रस नहीं है। इसमें बेमुश्किल 10% ही फ्रूट पल्प होता है। बाकी 90% हिस्सा कॉर्न सिरप, फ्रुक्टोज या अन्य शुगरी प्रोडक्ट्स से बना हो सकता है।
हार्ट फ्रेंडली ऑयल के भ्रामक दावे
ICMR की एडवाइजरी के मुताबिक, नो कोलेस्ट्रॉल या हार्ट फ्रेंडली के टैग के साथ बिक रहे ऑयल भ्रामक हो सकते हैं क्योंकि प्लांट बेस्ड ऑयल में भले ही कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है, इसके बावजूद ये 100% फैट हैं और इन्हें हार्ट फ्रेंडली मानकर इस्तेमाल किया जाए तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। साथ ही यह गलत जानकारी देकर ग्राहक को गुमराह करने जैसा है।
पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट्स का प्राकृतिक होना मुश्किल
ICMR की एडवाइजरी में बताया गया है कि किसी फूड प्रोडक्ट को तभी तक ‘प्राकृतिक’ कहा जा सकता है, जब तक उसमें कोई कलर, फ्लेवर या आर्टिफिशियल सब्सटेंस न मिलाया गया हो। जबकि बाजार में बिक रहे कई प्रोडक्ट्स में ये सब मौजूद है, फिर भी इन्हें नेचुरल कहकर बेचा जा रहा है।
लेबलिंग से उपभोक्ताओं का ध्यान खींचने की साजिश
ICMR के मुताबिक फूड आइटम्स पर की गई लुभावनी लेबलिंग उपभोक्ताओं का ध्यान खींचने की साजिश है। यह उन्हें प्रोडक्ट खरीदने के लिए कन्विंस करने के लिए किया जाता है। हमें इस झांसे में आए बिना बहुत ध्यान से इस लेबलिंग को पढ़ना और समझना चाहिए।real juice not good for health | packaged food dangerous for health | sideeffects of real juice | sideeffects of packaged food | ICMR report
ICMR ने प्रोटीन और पैकेज्ड फूड पर भी सवाल उठाए थे
ICMR ने कुछ समय पहले प्रोटीन सप्लीमेंट्स जैसे कई पैकेज्ड फूड आइटम्स को लेकर भी एडवाइजरी जारी की थी। उसमें भी इनके लेबल पर दी गई जानकारी को भ्रामक बताया गया था। यह सब तब हो रहा है, जब FSSAI इतनी कड़ाई बरतता है।
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