L&T के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम ने पहले कहा 90 घंटे काम... अब मजदूरों पर साधा निशाना

L&T के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम का एक बयान फिर चर्चा में है। वे पहले भी 90 घंटे और रविवार को भी काम करने की सलाह देकर विवादों में घिरे रहे हैं। इस बार उनके निशाने पर कर्मचारी भी हैं। हालांकि सवाल को टालते हुए उन्होंने सरकार पर भी निशाना साधा है।

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Ravi Singh
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L&T Chairman SN Subrahmanyan
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पहले हर सप्ताह 90 घंटे काम की वकालत करने और फिर रविवार को ऑफिस आने पर जोर देने वाले लार्सन एंड टूब्रो के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उनके निशाने पर कर्मचारी भी हैं। हालांकि सवाल को टालते हुए उन्होंने सरकार पर भी निशाना साधा है।

क्या बोले एसएन सुब्रमण्यम

L&T Chairman SN Subrahmanyan वही हैं जो चाहते हैं कि लोग वीकेंड पर भी ऑफिस आएं और काम करें। उनके मुताबिक वीकेंड पर घर बैठकर पत्नी को घूरने से अच्छा है कि ऑफिस आकर काम किया जाए। पत्नी को घूरने के विवादित बयान को लेकर आलोचनाओं में आए सुब्रमण्यम ने एक बार फिर भारत के मजदूरों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भारत के लोग काम नहीं करना चाहते। वे ऑफिस नहीं आना चाहते।

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"L&T के चेयरमैन ने पहले कहा 90 घंटे काम... अब बोले-

काम से कतरा रहे लोग

एसएन सुब्रमण्यम ने सरकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के कारण लोग काम से कतरा रहे हैं। निर्माण मजदूर सरकारी योजनाओं और सुख-सुविधाओं की उपलब्धता के कारण काम करने से कतराते हैं। सीआईआई साउथ ग्लोबल लिंकेज समिट में निर्माण उद्योग में श्रमिकों की कमी पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां दुनिया भर में काम की तलाश में बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं, वहीं भारत में लोग कहीं और जाने को तैयार नहीं हैं। सरकारी योजनाओं के कारण श्रमिकों की कमी है।

मजदूर अपने गृह क्षेत्र को छोड़कर नहीं जाना चाहते

साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं की वजह से मजदूरों का इंतजाम करने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने हिसाब-किताब समझाते हुए कहा कि एलएंडटी को 4 लाख मजदूरों की जरूरत है, लेकिन उन्हें 16 लाख लोगों की भर्ती करनी है, क्योंकि भारत में पलायन की समस्या बढ़ती जा रही है। सरकारी योजनाओं की वजह से मजदूर अपने गृह क्षेत्र को छोड़कर नहीं जाना चाहते हैं। मनरेगा, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और जनधन जैसी सरकारी योजनाओं की वजह से मजदूरों का इंतजाम करना मुश्किल हो गया है। इन योजनाओं से लोगों की आर्थिक स्थिति सुधर रही है। जिसकी वजह से उन्हें काम की ज्यादा जरूरत महसूस नहीं होती।

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मजदूरों को जुटाना चुनौतीपूर्ण

एसएन सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकारी योजनाओं की वजह से लोगों की जरूरतें पूरी हो रही हैं जिससे उनके काम करने का तरीका बदल गया है। मजदूर खुद काम चुनते हैं। काम न करने के पीछे वे कई कारण बताते हैं। वे ग्रामीण इलाकों से जाना नहीं चाहते, उन्हें आराम पसंद है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को जुटाना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। बता दें कि वे पहले भी 90 घंटे काम की वकालत करने पर आलोचनाओं के घेरे में आ चुके हैं। अब उनके बयान की भी आलोचना हो रही है।

हिंदी न्यूज L&T चेयरमैन नेशनल न्यूज SN Subrahmanyan