आपने फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म 'गब्बर इज बैक' तो देखी होगी। जिसमें एक सीन आता है कि अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद कैसे उसका कई दिन इलाज चलता रहता है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर्स के गैरजिम्मेदराना काम को गब्बर सिंह (अक्षय कुमार ) पूरी तरह से एक्सपोज कर देते हैं। कुछ ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चरक अस्पताल में सामने आई है। यहां एक लाश का पांच दिन से इलाज चल रहा था। मृतक के परिजन जब वार्ड में जबरदस्ती घुसकर देखने पहुंचे तो वहां का मंजर देखकर उनकी आंखे खुली की खुली रह गई।
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पांच दिन से चल रहा था लाश का इलाज
राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र स्थित चरक अस्पताल (Charak Hospital ) से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक लाश का पांच दिन से इलाज चल रहा था। मृतक के परिजन जब वार्ड में जबरदस्ती घुसे तब इस बात का खुलासा हुआ। इसके बाद अस्पताल में परिजनों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान परिजनों की अस्पताल के कर्मचारियों से जमकर बहस भी हो गई।
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पांच लाख रुपए वसूलने
लखनऊ के अस्पताल में भी डॉक्टर्स ने एक लाश का इलाज किया। गब्बर फिल्म की तरह ही परिजनों से पांच लाख रुपए वसूलने के लिए लाश का इलाज किया जा रहा था। शंका होने पर जब मृतक के घरवाले जबरन वार्ड में घुस गए। तब उन्हें पता चला कि मरीज की तो पहले ही मौत हो चुकी है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटना
हरियाणा के सोनीपत में एक अस्पताल ने मरीज की मौत के बाद भी इलाज के लिए पैसे की वसूली किया था। सोनीपत के निजी अस्पताल FIMS पर एक मरीज की मौत की खबर छिपाकर पैसे की वसूली की गई थी। इस घटना में भी मरीज के परिजनों का आरोप था अस्पताल ने उन्हें मौत की जानकारी नहीं दी थी। मामला सामने आने पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया था। परिजनों का दावा था कि उन्होंने मरीज को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल ने 10 दिन में 14 लाख रुपए का बिल बना दिया था।
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