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प्रयागराज में मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम क्षेत्र में महाकुंभ के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 30 से अधिक लोगों की मौत हुई है और कई लोग घायल हो गए। हालांकि, प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर अब तक कोई जानकारी नहीं दी है। खबरों के मुताबिक, हादसा तब हुआ जब बीती रात करीब 2 बजे संगम नोज पर बैरियर टूट गया। घटनास्थल पर अब भी भीड़ नियंत्रण में नहीं है, और प्रशासन श्रद्धालुओं से शांतिपूर्ण तरीके से अपने स्थान पर बने रहने की अपील कर रहा है। साधु-संतों ने भी श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने की अपील की है।
पीएम मोदी और अमित शाह ने सीएम योगी से की बातचीत
घटना की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और हालात का जायजा लिया। पीएम मोदी ने घायलों को शीघ्र चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम योगी से बात कर हर संभव मदद का भरोसा दिया।
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CM योगी की अपील
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मां गंगा के जिस घाट के पास हों, वहीं स्नान करें और संगम नोज की ओर जाने की कोशिश न करें। उन्होंने बताया कि स्नान के लिए कई घाट बनाए गए हैं, जहां किसी भी स्थान पर स्नान किया जा सकता है। सीएम योगी ने सभी से प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की बात कही। साथ ही उन्होंने लोगों को किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी।
हादसे का कारण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, संगम क्षेत्र में बैरियर टूटने के कारण भगदड़ मची। इस हादसे के बाद घायलों को मेला क्षेत्र के सेक्टर 2 में स्थित केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौनी अमावस्या के दिन संगम में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना थी।
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अगली तैयारी: बसंत पंचमी
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान का आयोजन दुर्भाग्यवश नहीं हो सका, लेकिन अब बसंत पंचमी के दिन के लिए विशेष तैयारियां की जाएंगी। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे अपने स्थान पर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
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घटना के प्रभाव और अपील
यह हादसा महाकुंभ के इतिहास में एक दुखद दिन के रूप में दर्ज हो गया है। महाकुंभ का यह पर्व हर 140 वर्षों में आता है, और इसके प्रति श्रद्धालुओं का उत्साह अत्यधिक होता है। प्रशासन, साधु-संतों और अखाड़ा परिषद की अपील का उद्देश्य है कि अगले स्नान के दौरान सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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