Parliament Budget Session: संसद के बजट सत्र के दूसरे दिन महाकुंभ में हुई भगदड़ से हुई मौतों को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार पर मृतकों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि भगदड़ में हजारों लोग मारे गए और सरकार से सही आंकड़े देने की मांग की। इसके बाद राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें बयान वापस लेने के लिए कहा। जिस पर खड़गे ने कहा कि सरकार मौतों का सही आंकड़ा बताए।
खड़गे के बयान पर मचा हंगामा
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में बयान देते हुए कहा, "महाकुंभ में पिछले दिनों जो भगदड़ हुई, उसमें हजारों लोग मारे गए। मैं उन सभी लोगों को श्रृद्धांजलि देता हूं।" उनके इस बयान के बाद सत्तापक्ष के सांसदों ने विरोध जताया और सभापति जगदीप धनखड़ ने खड़गे से इस बयान को वापस लेने को कहा। इस पर खड़गे ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी पर उंगली उठाना नहीं था, बल्कि घटना की गंभीरता को लेकर चिंता व्यक्त करना था। उन्होंने कहा, "मेरे अनुमान के मुताबिक, जिस तरह से भीड़ थी और जैसी तस्वीरें सामने आईं, उससे यही लगता है कि हजारों लोग मारे गए। यदि मैं गलत हूं तो सरकार सही आंकड़े दे, मैं माफी मांगने के लिए तैयार हूं।"
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खड़गे का बयान बहुत गंभीर
सभापति जगदीप धनखड़ ने खड़गे से कहा कि इस सदन में जो भी कहा जाता है, उसका बहुत महत्व होता है। उन्होंने यह भी कहा कि खड़गे का बयान बहुत गंभीर है और इससे पूरे देश और दुनिया में गलत संदेश जा सकता है।
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गंगा में बहा दिए गए कई शव
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि महाकुंभ में हजारों लोग मारे गए और कई शव गंगा में बहा दिए गए। रामगोपाल यादव ने आरोप लगाया था कि कई लोगों को दबा दिया गया, जिससे और भी जानें चली गईं।
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यह है सरकार का आंकड़ा
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन शाही स्नान के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें कई लोग घायल हुए थे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस घटना में 30 लोग मारे गए थे। हालांकि विपक्षी दलों का कहना है कि सरकारी आंकड़ा सही नहीं हो सकता और इससे अधिक लोग मारे गए हैं। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार मृतकों के वास्तविक आंकड़े छिपा रही है और मामले की गंभीरता को कम करने की कोशिश कर रही है।
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