लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सवाल उठाए। उन्होंने विदेश मंत्री के अमेरिकी दौरे और पीएम को लेकर दिए बयान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका में हमारे प्रधानमंत्री को बुलाने की अपील करना क्या सही है?
सत्ता पक्ष ने उनके इस बयान पर कड़ा विरोध किया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे बिना आधार का बयान बताया। रिजिजू ने कहा कि विपक्ष के नेता को जिम्मेदारी के साथ बयान देना चाहिए। उन्होंने सदन में सबूत पेश करने की भी मांग की। राहुल के इस बयान के कारण लोकसभा में हंगामा हुआ।
रिजिजू ने माफी की मांग की
रिजिजू ने कहा कि यह मामला दो देशों के बीच के संबंधों से जुड़ा है। विदेश नीति पर बयान देते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए। विपक्ष के नेता को जिम्मेदार तरीके से सदन में अपनी बात रखनी चाहिए।
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राहुल गांधी का जवाब और माफी
राहुल गांधी ने अपने बयान के बाद सदन में तंज कसते हुए कहा, "मैं माफी मांगता हूं अगर मेरी बातों से आपकी शांति भंग हुई है।" उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि वह अपनी कही बात के लिए माफी मांगते हैं।
रिजिजू ने इस पर दोबारा जोर देकर कहा कि यह मजाक का विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि गंभीर मुद्दों पर हल्के-फुल्के बयानबाजी से बचना चाहिए। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच इसी मुद्दे पर बहस लंबी चली।
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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सवाल
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इस अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों का एक ही ढर्रा रहता है। इस पर चर्चा करते हुए राहुल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में वही 50-100 कामों की सूची बार-बार सुनने को मिलती है। उन्होंने सुझाव दिया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में विविधता और सच्चाई होनी चाहिए।
इस दौरान सदन में दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस देखी गई। सत्ता पक्ष ने कहा कि विपक्ष के नेता को अधिक जिम्मेदारी दिखानी चाहिए, जबकि विपक्ष ने अपने बयान का बचाव किया।