महू में जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने ऐसा कुछ कहा कि इस पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जमकर भड़क गए। इस पर उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर राहुल गांधी के बयान के साथ हमला बोला। साथ ही राहुल गांधी इतिहास पढ़कर बयानबाजी की नसीहत दे डाली।
ऐसा क्या बोला राहुल गांधी ने
संविधान से पहले याद रखिए, आजादी से पहले इस देश में गरीबों के कोई अधिकार नहीं थे। दलितों के कोई अधिकार नहीं, पिछडों के कोई अधिकार नहीं थे, आदिवासियों के कोई अधिकार नहीं थे। अधिकार सिर्फ महाराजा, राजा के थे। वो बदलाव आजादी के दिन आया था। आपको जमीन दी गई, जमीन का हक दिया गया, अधिकार दिए गए।
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क्या बोले सिंधिया-
संविधान को अपनी 'पॉकेट डायरी' समझने वाले नेता राहुल गांधी द्वारा आजादी से पूर्व भारत के राजपरिवारों की भूमिका को लेकर दिया गया बयान उनकी संकीर्ण सोच व समझ को उजागर करता है। सत्ता और कुर्सी की भूख में वह भूल गए हैं की इन राजपरिवारों ने वर्षों पहले भारत में समानता और समावेशी विकास की नींव रखी थी।
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यहीं नहीं रूके सिंधिया, राहुल को दी यह नसीहत
सिंधिया यहीं नहीं रूके उन्होंने अपने लंबे -चौड़े टिव्ट में लिखा कि - ये भूल गए हैं कि:
- बड़ौदा महाराज सयाजीराव गायकवाड़ ने हमारे संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई थी।
- छत्रपति साहूजी महाराज ने 1902 में पहली बार देश के बहुजनों को अपनी शासन व्यवस्था में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की बुनियाद रखी थी।
- पिछड़े वर्गों को शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ग्वालियर के माधव महाराज प्रथम ने पूरे ग्वालियर- चंबल में शिक्षा और रोजगार के केंद्र खुलवाए थे।
- वह तानाशाही विचारधारा को जन्म देने वाली कांग्रेस थी जिन्होंने दलितों, वंचितों और पिछड़े वर्ग के अधिकारों पर कुठाराघात करने का काम किया। राहुल गांधी, पहले इतिहास पढ़ें, फिर बयानबाजी करें!