ऐसी पत्नी के साथ आपसी सहमति से यौन संबंध भी बलात्कार : हाईकोर्ट

न्यायमूर्ति सनप ने 12 नवंबर को दिए गए आदेश में कहा कि कानून के अनुसार 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना बलात्कार है, चाहे वह विवाहित (Married) हो या नहीं।

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Sandeep Kumar
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हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने एक अहम फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी नाबालिग पत्नी (Minor Wife) के साथ सहमति से भी यौन संबंध (Sexual Relations) बनाता है, तो इसे बलात्कार (Rape) माना जाएगा। न्यायमूर्ति गोविंद सनप की एकल पीठ ने इस मामले में आरोपी की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि भले ही पत्नी (Wife) की सहमति हो, लेकिन अगर उसकी उम्र 18 वर्ष से कम है तो यह बलात्कार के दायरे में आएगा।

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कोर्ट ने यह कहा

न्यायमूर्ति सनप ने 12 नवंबर को दिए गए आदेश में कहा कि कानून के अनुसार 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना बलात्कार है, चाहे वह विवाहित (Married) हो या नहीं। अदालत ने स्पष्ट किया कि नाबालिग पत्नी के साथ सहमति से भी यौन संबंध बनाने का कोई कानूनी बचाव नहीं है। अदालत ने आरोपी के उस तर्क को खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा कि चूंकि पीड़िता उस समय उसकी पत्नी थी और सहमति से संबंध बने थे, इसलिए यह बलात्कार नहीं हो सकता।

यह है पूरा मामला

यह मामला Maharashtra के वर्धा जिले का है, जहां आरोपी को पहले से ही निचली अदालत (lower court) ने बलात्कार और पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत दोषी ठहरा चुकी है। यह घटना तब की है जब पीड़िता 31 सप्ताह की गर्भवती (Pregnant) थी। पीड़िता ने दावा किया कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए और बाद में उसे धोखा दिया। अभियुक्त ने अपनी अपील में यह तर्क दिया कि पीड़िता ने स्वेच्छा से उसके साथ संबंध बनाए और दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर शादी (Marriage) की रस्म पूरी की थी। लेकिन कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया। अदालत ने पीड़िता के जन्म प्रमाण पत्र और डीएनए (DNA) रिपोर्ट जैसे अन्य साक्ष्यों के आधार पर पुष्टि की कि घटना के समय उसकी उम्र 18 वर्ष से कम थी।

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गर्भपात के लिए दबाव बना रहा था आरोपी

अपीलकर्ता को 25 मई, 2019 को गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता के गर्भवती होने के बाद, आरोपी ने उस पर गर्भपात कराने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। पीड़िता ने इस मांग को अस्वीकार किया और इसके बाद अपने माता-पिता के घर वापस चली गई। हालांकि, वहां भी अपीलकर्ता ने दो बार उस पर हमला किया और उसके साथ दुर्व्यवहार किया। इसके बाद पीड़िता को यह समझ में आया कि अपीलकर्ता ने केवल विवाह का दिखावा किया था, ताकि उसका शारीरिक शोषण कर सके। वह न केवल पीड़िता की उपेक्षा करने लगा बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के पिता होने से भी इनकार कर दिया।

ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान, पीड़िता ने स्पष्ट रूप से कहा कि उसने वर्धा पुलिस के बाल कल्याण समिति (CWC) अनुभाग में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने अपनी शिकायत में अपीलकर्ता के साथ अपनी तस्वीरों का भी हवाला दिया, जिसमें वे दोनों एक-दूसरे को माला पहनाते हुए दिखाई दे रहे थे, और अधिकारियों को बताया कि उसने उसे अपना पति माना था। अपीलकर्ता ने इस स्वीकारोक्ति के आधार पर दावा किया कि पीड़िता ने अपने पति के साथ सहमति से यौन संबंध बनाए थे, और यह कोई अपराध नहीं था।

नाबालिग पत्नी से सहमति से यौन संबंध भी बलात्कार

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने कहा कि नाबालिग पत्नी के साथ सहमति से यौन संबंध भी बलात्कार माना जाएगा। कोर्ट ने आरोपी की सजा बरकरार रखते हुए बताया कि यदि पत्नी की उम्र 18 वर्ष से कम है, तो सहमति के बावजूद यह अपराध ही रहेगा। यह फैसला कानून के उस प्रावधान के अनुरूप है जिसमें 18 वर्ष से कम उम्र की पत्नी के साथ सहमति से संबंध को भी बलात्कार का अपराध माना गया है।

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