बुंदेलखंड...यानी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से भरपूर क्षेत्र। बुंदेलखंड...मतलब विशिष्ट संस्कृति, समृद्ध इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण एक क्षेत्र। अपनी इन्हीं खूबियों की वजह से बुंदेलखंड पूरी दुनिया में जाना जाता है।
अब बुंदेलखंड की पहचान यहां के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम से भी है। दुनियाभर के लोग अपनी आस लिए यहां पहुंचते हैं। श्रद्धालु बागेश्वर धाम में बालाजी के दर्शन करते हैं। पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनते हैं और दिव्य दरबार में हाजिरी लगाते हैं। मंगलवार और शनिवार को यहां अपार भीड़ उमड़ती है।
दूसरे शब्दों में कहें तो बागेश्वर धाम जिस गढ़ा गांव में है, वह अब किसी पहचान का मोहताज नहीं है। ये तो हुई बागेश्वर धाम की प्रसिद्धि की बात। धीरेंद्र शास्त्री का हर जगह डंका बज रहा है। ऐसे ही अब बुंदेलखंड में चार और धाम हैं, जहां सब कुछ बागेश्वर धाम के अंदाज में ही होता है। यहां के पीठाधीश्वरों की बोली, अंदाज और 'भविष्य' बताने का तरीका लगभग एक जैसा है। नाम भी मेल खाते हैं, जैसे धीरेंद्र शास्त्री हैं, वैसे ही राजेंद्र शास्त्री, लवलेश शास्त्री, आदर्श शास्त्री और धर्मेंद्र शास्त्री दरबार लगाते हैं।
ब्रह्मेश्वर धाम: लवलेश शास्त्री पर दर्ज हो चुका रेप का केस
ब्रह्मेश्वर धाम छतरपुर जिले के लवकुशनगर में है। यहां ग्राम लखेरी के रहने वाले 21 वर्षीय लवलेश तिवारी (शास्त्री) दरबार लगाते हैं। वे भी धीरेंद्र शास्त्री की तरह बुंदेलखंड में बात करते हैं। पर्चा बनाते हैं। लवलेश का अंदाज धीरेंद्र शास्त्री की तरह की होता है। वे अपने दिव्य दरबार में आने वाले लोगों का पर्चा बनाते हैं।
भूत- प्रेत बाधा उतारने का दावा किया जाता है। लवलेश कथा भी करते हैं। ब्रह्मेश्वर धाम के नाम से सोशल मीडिया पर कई पेज बने हुए हैं, जिन पर लवलेश के फोटो और वीडियो आसानी से देखे जा सकते हैं। लवलेश पंडोखर सरकार को अपना गुरु मानते हैं। खास यह है कि लवलेश पर 2022 में एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था, जिसके बाद पुलिस ने केस भी दर्ज किया था। हालांकि लवलेश के समर्थकों और अनुयायियों ने महिला के आरोपों को निराधार बताया था।
सिद्धेश्वर धाम: राजेंद्र शास्त्री का हर अंदाज धीरेंद्र शास्त्री जैसा
बागेश्वर धाम की तर्ज पर पन्ना जिले की अमानगंज तहसील के ग्राम गहादरा में सिद्धेश्वर धाम लग रहा है। यहां भी धीरेंद्र शास्त्री की तरह राजेंद्र कृष्ण शास्त्री पर्चे पर लोगों की समस्याएं पहले ही लिख देते हैं। राजेंद्र शास्त्री भी बिलकुल धीरेंद्र शास्त्री की ही तरह बातचीत करते हैं। पर्चा लिखते हैं।
उनकी बॉडी लेंग्वेज भी हुबहू धीरेंद्र शास्त्री जैसी ही होती है। राजेंद्र शास्त्री कहते हैं, मैं कुछ नहीं करता हूं, जो कुछ करते हैं, वह हनुमान जी हैं और उन्हीं का आदेश होता है तो पर्ची में सब कुछ लिख देते हैं। सिद्धेश्वर धाम नाम से फेसबुक और यूट्यूब पर पेज हैं, जहां दिव्य दरबार और कथाओं के वीडियो पोस्ट किए जा रहे हैं।
सिद्धेश्वर धाम: सोशल मीडिया मैनेजमेंट, स्टाइल बागेश्वर जैसी
सतना जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर जैतवारा लाइन पर सगमा रेलवे स्टेशन के पास सिद्धेश्वर धाम है। यहां हनुमान जी का धाम है। सिद्धेश्वर धाम बाबा आदर्श कृष्ण शास्त्री हर मंगलवार और शनिवार को दरबार लगाते हैं।
आदर्श शास्त्री का स्टाइल हुबहू बागेश्वर वाले धीरेंद्र शास्त्री जैसा है। आदर्श भीड़ के बीच से किसी भक्त को बुलाकर पर्चा बनाते हैं और समस्या का समाधान करने का दावा किया जाता है। यहां नारियल बांध कर लोग परिक्रमा करते हैं। सिद्धेश्वर धाम का सोशल मीडिया मैनेजमेंट भी होता है। इसमें आदर्श शास्त्री की कथा और दिव्य दरबार के फोटो-वीडियो पोस्ट किए जाते हैं।
सरकार धाम: यहां बाबा चेहरे देखकर बताते हैं सब कुछ!
दमोह जिले के हटा में श्री सरकार धाम नाम से दरबार लग रहा है। जहां पंडित धर्मेंद्र शास्त्री दिव्य दरबार लगाकर लोगों की परेशानियों को दूर करने का दावा करते हैं। समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए लोगों को यहां भी अर्जी लगानी पड़ती है। खास यह है कि श्री सरकार धाम में धर्मेंद्र शास्त्री का अंदाज भले धीरेंद्र शास्त्री से मेल खाए, लेकिन वे पर्चा नहीं बनाते हैं।
वे अपने दिव्य दरबार में आने वाले लोगों को देखकर उनके बारे में बताते हैं। मंगलवार और शनिवार को यहां लोगों की भीड़ उमड़ती है। धमेंद्र शास्त्री कहते हैं, बाबा बागेश्वर धाम अलग पीठ है और हटा में श्री सरकार धाम एक अलग पीठ है। दोनों ही हनुमान जी के धाम हैं, उनकी तुलना नहीं करना चाहिए।
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