NDTV करेगा 9 भारतीय भाषाओं में अलग-अलग चैनलों की लॉचिंग, सूचना प्रसारण मंत्रालय ने दी मंजूरी

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Jitendra Shrivastava
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NDTV करेगा 9 भारतीय भाषाओं में अलग-अलग चैनलों की लॉचिंग, सूचना प्रसारण मंत्रालय ने दी मंजूरी

NEW DELHI. नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड के निदेशक मंडल की 17 मई, 2023 को एक बैठक हुई। कंपनी ने अपनी बैठक में नौ  समाचार चैनलों के लॉन्च के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय की अनुमति लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये चैनल विभिन्न भारतीय भाषाओं में अपने कार्यक्रमों की प्रस्तुती करेगा।





13 साल पहले शुरू हुई थी NDTV के अधिग्रहण की कहानी





नई दिल्ली टेलीविजन प्रालि (एनडीटीवी) के 26 फीसदी शेयर अडानी एंटरप्राइजेज की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड के पास जाने की कहानी कॉर्पोरेट जगत में चलने वाली अंदरूनी लड़ाई और उठपटक का शानदार उदाहरण है। इसकी पटकथा 13 साल पहले साल 2009 में ही एऩडीटीवी के प्रमोटर्स द्वारा लोन लिए जाने से शुरू हुई, लेकिन इस पूरी लड़ाई का पंच यह भी है कि एनडीटीवी के शेयर अभी नहीं 2009 में ही उनके हाथ से जा चुके थे, यानि अनौपचारिक तौर पर अधिग्रहण तो कभी का हो चुका है, लेकिन तब वह स्वैच्छिक था और अब जिस अडानी ग्रुप की कंपनी के पास यह शेयर गए हैं, वह उनकी इच्छा के विपरीत चले गए हैं। इस पूरी कहानी को इस तरह समझते हैं-







  • एनडीटीवी प्रमोटर्स आरआरपीआर (राधिक राय, प्रणव राय) ने घाटे में चल रही कंपनी को बचाने के लिए इंडिया बुल्स् फायनेंसियल सर्विसेस प्रालि से साल 2008 में 540 करोड़ का बैंक लोन लिया।



  • इस लोन को चुकाने के लिए कंपनी ने फिर आईसीआईसीआई से साल 2009 में 375 करोड़ का लोन लिया, यह लोन भी कंपनी ने इसी साल चुका दिया और इसके लिए कंपनी ने 350 करोड़ का लोन लिया वीसीपीएल (विश्वप्रधान कमर्शियल प्रालि) से।


  • साल 2008 में स्थापित विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड खुद को एक प्रबंधन और परामर्श सेवा कंपनी के रूप में वर्णित करता है, लेकिन उसके पास कोई संपत्ति नहीं है।


  • यह लोन असुरक्षित था यानि इस पर आरआरपीआर को कोई ब्याज नहीं देना था, यह दस साल के लिए था और इसके बदले में वीसीपीएल को मिले एनडीटीवी के एक करोड़ 15 लाख 63 हजार 683 शेयर्स यानि कुल शेयर का 26 फीसदी हिस्सा। 


  • तय हुआ कि कंपनी लोन पर कोई ब्याज नहीं लेगी और इन शेयरों की कीमत तय की गई 214 रुपए 65 पैसे, जबकि उस समय एनडीटीवी के शेयर भाव (जुलाई 2009 में) 127 के भाव प्रति शेयर पर थे। 


  • एक और मजे की बात, लोन देने वाली वीसीपीएल का कुल राजस्व मात्र 60 हजार रुपए था और इसकी एसेट 400 करोड़ रुपए की थी, ( मार्च 2017 के रिकार्ड के मुताबिक)। जी हां मात्र 60 हजार के राजस्व वाली कंपनी ने इतना बडा लोन एनडीटीवी को उपलब्ध कराया। 


  • वीसीपीएल के साथ जो कंपनी और जुड़ी थी शुभगामी ट्रेडिंग प्रालि (एसटीपीएल) और श्याम इक्वीटीज प्रालि (एसईपीएल)। इसमें एसटीपीएल के पास एनडीटीवी के शेयर का हिस्सा गाय 14.99 फीसदी और एसईपीएल के पास 11.01 फीसदी। बाद में एसईपीएल कंपनी शिनानो रिटेल प्रालि में मर्ज हो गई। 


  • सेबी ट्रिब्यूनल के जून 2018 के फैसले में मेंशन है कि मार्च 2016 को जो नोटिस जारी हुए था इसके अनुसार इस लोन का सोर्स रिलायंस स्ट्रेटेजिक इन्वेस्टमेंट लिमिटेड कंपनी थी जो रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सब्सिडरी है। यानि वीसीपीएल के पास लोन देने के लिए आई 350 करोड की राशि मूल रूप से मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप से आई थी।


  • वीसीपीएल का जो पता गणपतराव कदम मार्ग मुंबई सिटी पिन 400013 है। वहीं पता शिनानो रिटेल प्रालि कंपनी का भी है। इससे शिनानो और वीसीपीएल का रिश्ता पुख्ता होता है।


  • वहीं शिनानो में अश्विन खासगीवाला और कल्पना श्रीनिवासन भी जुड़े थे। अश्विन रिलायंस रिटेल में सीएफओ थे तो कल्पना रिलायंस इंडस्ट्रीज में कंपनी सेक्रेट्री। यानि वीसीपीएल, शिनानो दोनों ही रिलायंस से जुड़ी हुई थी और जो लोन एनडीटीवी को मिला वह इसी रूट से आया था, जो सेबी के लेटर में भी मेंशन है। 


  • अब इसमें मोड़ आया 26 जून 2018 को। सेबी का रेगुलेशन एक्ट 1997 का नियम 14 (3) है कि जब कोई किसी कंपनी में एक तय सीमा से ज्यादा हिस्सा लेता है तो उसे बाकी हिस्सा खरीदने के लिए ओपन बाजार में घोषणा करना होती है। जो वीसीपीएल ने एनडीटीवी के शेयर लेते समय नहीं की, दोनों ही पक्ष इसे सामान्य लोन बता रही थी जो दस साल बाद मैच्योर होने पर लौटा दिया जाएगा। लेकिन अपीलेट ट्रिब्यूनल ने इसे सामान्य लोन नहीं माना और वीसीपीएल को आदेश दिया कि वह आदेश दिनांक से 45 दिन के भीतर ओपन आफर लाए लेकिन इस आदेश के बाद भी वीसीपीएल ने यह नहीं किया।


  • चार साल चली अंदरूनी कॉर्पोरेट उठापटक और वीसीपीएल में बदले डायरेक्टरों के दौर में रिलायंस ग्रुप और एनडीटीवी दोनों यह सोचकर शांत रहे कि अब कुछ नहीं होना है, लेकिन इसी बीच अडाणी ने अपना दांव चला और वीसीपीएल से डील कर उसकी पूरी सौ फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली। जब वीसीपीएल अदानी की हुई तो इसके पास जो एनडीटीवी के सौ फीसदी शेयर थे वह भी उसके पास आ गए।


  • जून 2018 में सेबी अपीलेट ट्रिब्यूलन में दिए गए फैसले के तहत ही अब अडानी ने एनडीटीवी के बाकी शेयर खरीदी के लिए यह ओपन ऑफर बाजार में जारी किया है। इसी आफर के आने के बाद ही जानकारी सामने आई कि वीसीपीएल बिक गई और इसी के साथ 26 फीसदी एनडीटीवी शेयर भी अदानी के पास चले गए। 




  • NDTV new beginning of NDTV launching of channels in 9 Indian languages approval of the Center एनडीटीवी की नई शुरुआत 9 भारतीय भाषाओं में चैनलों की लॉचिंग केंद्र की मंजूरी