NEW DELHI. कभी डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का मार्केट कैप हासिल कर चुकी एडुटेक कंपनी बायजू को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ 158 करोड़ के विवाद में बड़ा झटका लगा है। पिछले कुछ साल से मुश्किलों में घिरा यह स्टार्टअप आखिरकार नीलाम होने की कगार पर पहुंच गया है। राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कंपनी के मौजूदा मैनेजमेंट को भंग कर दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है। कंपनी के लिए रिज्योलूशन प्रोफेशनल भी नियुक्त कर दिया है।
कंपनी ने की खुद बचाव के लिए आखिरी अपील
दरअसल, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की बेंगलुरु बेंच ने एडटेक कंपनी बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू करने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की याचिका को स्वीकार कर लिया है। वही कंपनी ने खुद बचाव के लिए एक आखिरी अपील की है और बीसीसीआई के साथ अपने विवाद को कोर्ट के बाहर सेटलमेंट करने की गुहार लगाई है।
यह साफ है बायजूस ने डिफॉल्ट किया : बेंच
एनसीएलटी की बेंच ने कहा कि बीसीसीआई और बायजूस के बीच ई-मेल ट्रेल से यह साफ है कि थिंक एंड लर्न ने डिफॉल्ट किया है। बेंच ने पंकज श्रीवास्तव को इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया है। उन्हें नियुक्ति की तारीख से 30 दिनों के भीतर क्रेडिटर्स की एक कमेटी बनानी होगी।
बीसीसीआई के साथ 158 करोड़ का विवाद
पूरा मामला भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के लिए बायजूस और बीसीसीआई के बीच स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा है। 158 करोड़ रुपए की बकाया राशि वसूलने के लिए बीसीसीआई ने बायजूस की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ यह याचिका पिछले साल दायर की थी।
अगली सुनवाई 15 नवंबर को
अब मामले में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू करने के लिए लगी याचिका स्वीकार कर ली है। इस मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को होनी है। हालांकि बायजूस मामला सुलझाने के लिए बीसीसीआई से चर्चा कर रहा है। बता दें कि बायजूस ने 2019 में बीसीसीआई के साथ तीन साल की जर्सी स्पॉन्सरशिप डील साइन की थी।
बीसीसीआई ने बेंच यह बताया
आदेश में दी गई जानकारी के अनुसार थिंक एंड लर्न ने इंडियन क्रिकेट टीम के कई इंटरनेशनल टूर और सीरीज के बाद बीसीसीआई की ओर से भेजे किए गए कुल 12 इनवॉइस (बिल) पर डिफॉल्ट किया। बीसीसीआई ने बताया कि बायजूस ने पहली बार 21 अगस्त 2022 को डिफॉल्ट किया था।
बायजूस ने नहीं दिए 158.9 करोड़ रुपए
पिछले साल जनवरी में बायजूस ने बीसीसीआई को 143 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी भुनाने की अनुमति दी थी। वर्तमान में बायजूस पर बकाया राशि 158.9 करोड़ रुपए है। बीसीसीआई की ओर से 8 सितंबर 2023 को दायर किया गया मामला 28 नवंबर को सुनवाई के लिए आया था।
इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के मुताबिक कंपनी का कंट्रोल अब मौजूदा मैनेजमेंट से क्रेडिटर्स (जिनका पैसा बकाया है) को मिलेगा। वहीं, कंपनी के कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस में रहने के दौरान बायजूस के कोई भी एसेट ट्रांसफर नहीं हो सकेंगे।
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