New Delhi. जरूरत पड़ने पर अस्पतालों और ब्लड बैंकों में खून के बदले मोटी रकम वसूलने पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। नए नियमों के अनुसार अब खून के बदले खून देने जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही ब्लड बैंक या अस्पताल से खून लेने पर प्रोसेसिंग शुल्क के अलावा किसी तरह का चार्ज नहीं लगेगा। सरकार ने कहा है कि खून बेचने के लिए नहीं होता। बता दें कि इस बारे में पूरे देश के ब्लड बैंकों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी गई है।
खून लेने के लिए रक्तदान की दरकार नहीं
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ( CDSCO - The Central Drugs Standard Control Organisation ) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस फैसले के साथ नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल ( NBTC- National Blood Transfusion Council ) के नए दिशा- निर्देशों का पालन करने को कहा है। अभी ज्यादातर अस्पतालों और ब्लड बैंकों में किसी रोगी के लिए खून की जरूरत पर उसके रिश्तेदारों या परिचितों को रक्तदान करना पड़ता है।
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एक यूनिट ब्लड के लिए छह हजार रुपए तक की वसूली
रक्तदान न करने की हालत में निजी अस्पताल और ब्लड बैंक 2000 से 6000 रुपए प्रति यूनिट वसूलते हैं। दुर्लभ ब्लड ग्रुप ( rare blood group )के मामले में यह शुल्क 10 हजार रुपए से भी ज्यादा हो जाता है। नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक अब इस तरह की वसूली नहीं हो सकेगी। सिर्फ प्रोसेसिंग शुल्क वसूला जाएगा, जो रक्त या रक्त घटकों के लिए 250 से 1550 रुपए के बीच होगा। संपूर्ण रक्त या पैक्ड रेड ब्लड सेल्स ( packed red blood cells )के लिए शुल्क 1,550 रुपए, जबकि प्लाज्मा ( plasma )और प्लेटलेट ( platelet ) के लिए 400 रुपए प्रति पैक होगा।
इन बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को फायदा
चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार के इस इस फैसले से रोगियों को बहुत लाभ होगा। खासकर उन रोगियों को, जो थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया ( Thalassemia and sickle cell anemia ) जैसी बीमारियों के कारण नियमित रक्त संक्रमण से गुजरते हैं या जिनकी सर्जरी होने वाली हो। कई बार ऐसे मामलों में कई बार रिश्तेदारों या परिचितों के लिए रक्तदान करना संभव नहीं होता। साथ ही फैसले से कॉर्पोरेट अस्पतालों में खून के लिए मनमानी वसूली पर अंकुश लगेगा।
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Q&A
Question: क्या अब खून के लिए रक्तदान करना जरूरी नहीं है?
Answer: हाँ, अब खून के लिए रक्तदान करना जरूरी नहीं है। नए नियमों के अनुसार, अब खून लेने के लिए प्रोसेसिंग शुल्क के अलावा किसी तरह का चार्ज नहीं लगेगा।
Question: खून के लिए प्रोसेसिंग शुल्क कितना है?
Answer: खून या रक्त घटकों के लिए प्रोसेसिंग शुल्क 250 से 1550 रुपए के बीच होगा। संपूर्ण रक्त या पैक्ड रेड ब्लड सेल्स के लिए शुल्क 1,550 रुपए, जबकि प्लाज्मा और प्लेटलेट के लिए 400 रुपए प्रति पैक होगा।
Question : क्या यह फैसला मरीजों के लिए फायदेमंद है?
Answer: हाँ, यह फैसला मरीजों के लिए फायदेमंद है। खासकर उन मरीजों के लिए, जो थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारियों के कारण नियमित रक्त संक्रमण से गुजरते हैं या जिनकी सर्जरी होने वाली हो। कई बार ऐसे मामलों में कई बार रिश्तेदारों या परिचितों के लिए रक्तदान करना संभव नहीं होता। साथ ही फैसले से कॉर्पोरेट अस्पतालों में खून के लिए मनमानी वसूली पर अंकुश लगेगा।
Question : क्या यह फैसला रक्त बैंकों के लिए नुकसानदेह है?
Answer: यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि यह फैसला रक्त बैंकों के लिए नुकसानदेह है या नहीं। हो सकता है कि शुरुआत में रक्त बैंकों की कमाई कम हो जाए, लेकिन लंबे समय में यह फैसला रक्त बैंकों के लिए फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि यह फैसला खून की कमी को दूर करने में मदद करेगा।