आज के समय में नशाखोरी का चलन बहुत बढ़ गया है। छोटे-छोटे बच्चे भी नशे के आदी हो गए हैं। हमें अक्सर अखबारों और टीवी चैनलों पर इससे जुड़ी खबरें पढ़ने और देखने को मिलती रहती हैं। माता-पिता को अपने बच्चे की संगति और उसकी हरकतों पर खास ध्यान देना चाहिए ताकि वह गलत राह पर न जाए। दरअसल, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हाल ही में हुए एक शोध में पाया गया है कि देश के 15 राज्यों में 10 से 24 साल के 32.8% युवा शराब, गांजा, ड्रग्स, कोकीन, अफीम और नींद की गोलियों का सेवन कर रहे हैं, जिसका उनके शरीर पर बहुत तेजी से असर हो रहा है।
18 की उम्र तक नशे की लत में युवा
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया है कि 18 साल की उम्र तक आते-आते बच्चों में नशे की इतनी लत लग जाती है कि वे कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। बता दें कि यह रिपोर्ट अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की टीम ने तैयार की है। यह शोध भारत के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज के लिए आने वाले युवाओं पर किया गया है।
इस संबंध में एम्स के प्रो. डॉ. वेंकटेश ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि भारत के 15 राज्यों में 1,630 युवाओं (10-24 वर्ष) पर एक बहुकेंद्रित क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन किया गया। राज्य के 15 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से नशीली दवाओं के उपयोग के आंकड़े एकत्र किए गए। इसमें शराब, धूम्रपान और पदार्थ संलिप्तता स्क्रीनिंग टेस्ट का उपयोग किया गया।
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असम-मिजोरम में सबसे ज्यादा नशा कर रहे हैं युवा
वेंकटेश ने आगे बताया कि रिसर्च के दौरान पाया गया कि 15 राज्यों में 32.8 फीसदी युवा नशे के आदी हैं। नशे की लत लगने की औसत उम्र 18 साल है। जबकि, नशा करने वाले 75.5 फीसदी युवा किशोरावस्था पूरी करने से पहले ही नशे का सेवन शुरू कर देते हैं। डॉ. ने आगे बताया कि इन 15 राज्यों के 26.4 फीसदी युवा तंबाकू, 26.1 फीसदी शराब और 9.5 फीसदी गांजा का सेवन करते पाए गए।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ये वो युवा हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और इनकी आबादी शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में ज्यादा है। शोध में यह भी पाया गया है कि पूर्वोत्तर राज्यों के युवा सबसे ज्यादा नशे के आदी हैं। एम्स द्वारा किए गए शोध के मुताबिक, असम के 46 फीसदी और मिजोरम के 89 फीसदी युवा सबसे ज्यादा नशे के आदी पाए गए।
इन नशीले पदार्थों का कर रहे उपयोग
बता दें कि, जिन युवाओं पर शोध किया गया है, वे सबसे ज्यादा ड्रग्स, शराब, तंबाकू, कोकीन, इनहेलेंट, ओपिओइड, नींद की गोलियां और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। इन सभी की उम्र 10 से 24 साल के बीच है। इस रिसर्च को एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के डॉ. हरीशंकर जोशी ने केपटाउन में सार्वजनिक किया है। डॉ. वेंकटेश ने बताया कि सबसे ज्यादा 26.4% युवा तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। इसके बाद 26.1% युवा शराब, 9.5% युवा गांजा, 5.6% युवा अफीम, 23.1% युवा नींद की गोलियां, 2% युवा कोकीन, 3.4% युवा एनेस्थीसिया का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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इन राज्यों के इतने फीसदी युवा कर रहे हैं नशा
डॉ. वेंकटेश ने बताया कि इस रिसर्च में देश के 15 राज्यों के 15 जिलों को शामिल किया गया है। इन राज्यों की बात करें तो हिमाचल प्रदेश का शिमला है जहां 19 फीसदी युवा नशे का सेवन कर रहे हैं। इसी तरह पंजाब के भटिंडा में 9.5 फीसदी, हरियाणा के फरीदाबाद में 8.2 फीसदी, उत्तराखंड के ऋषिकेश में 9.9 फीसदी, उत्तर प्रदेश के आगरा में 39.2 फीसदी, असम के लक्ष्मीपुर में 46 फीसदी, मिजोरम के जोरम में 89 फीसदी, पश्चिम बंगाल के कल्याणी में 17.2 फीसदी, ओडिशा के भुवनेश्वर में 37 फीसदी युवा नशा कर रहे हैं। इसके अलावा गुजरात के ढोढ में 61 फीसदी, हैदराबाद के तेलंगाना में 10.2 फीसदी और आंध्र प्रदेश के कूपम में 14.8 फीसदी युवा नशे के चपेट में हैं।
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