BHOPAL. एक राष्ट्र एक चुनाव पर बनी समिति को जनता से लगभग 21 हजार सुझाव मिले हैं। इसमें से 81 प्रतिशत लोगों ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया है। बीते रविवार यानी, 21 जनवरी को समिति द्वारा दिए गए बयान में बताया गया है कि 46 राजनीतिक दलों से भी सुझाव मांगे गए थे। इसमें कहा गया कि, अब तक 17 राजनीतिक दलों से सुझाव प्राप्त हो चुके हैं।
'एक देश, एक चुनाव' पर विपक्षी दलों ने जताया विरोध
बता दें कि कांग्रेस और टीएमसी समेत तमाम विपक्षी दलों ने एक साथ चुनाव कराने के विचार पर अपना विरोध जताया है। गौरतलब है कि, 5 जनवरी को समिति ने देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी-प्रशासनिक ढांचे में उचित बदलाव करने के लिए नागरिकों से सुझाव आमंत्रित करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था।
27 जनवरी को दुबारा से होगी पैनल की बैठक
पीटीआई के मुताबिक पिछले साल सितंबर में गठित कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने रविवार को अपनी तीसरी बैठक की थी। समिति ने अपनी बैठक के बाद कहा "कुल मिलाकर 20,972 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 81 प्रतिशत लोगों ने एक साथ चुनाव के विचार पर अपनी सहमति जाहिर की। बता दें कि पैनल की रविवार की बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन के सिंह पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हुए। वहीं चुनाव आयोग के सुझाओं को भी समिति ने नोट किया। समिति द्वारा जारी किए गए बयान में बताया गया है कि पैनल 27 जनवरी को फिर से बैठक करेगा। समिति ने एक साथ चुनाव कराने पर विधि आयोग के विचार सुने हैं। इस मुद्दे पर दोबारा लॉ पैनल को बुलाए जाने की संभावना है।