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ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। यह ऑपरेशन 7 से 10 मई के बीच तीनों सेनाओं और बीएसएफ की संयुक्त कार्रवाई का हिस्सा था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू की गई थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दिखाए गए साहस और वीरता के कारण 36 भारतीय वायुसेना जवानों को वीरता पुरस्कार मिलेगा। इनमें विंग कमांडर अभिमन्यु सिंह को शौर्य चक्र और 9 जवानों को वीर चक्र मिलेगा। इसके अलावा, 26 वायुसैनिकों को वायुसेना मेडल (गैलेंट्री) से नवाजा जाएगा।
शौर्य चक्र और वीर चक्र प्राप्त करने वाले वायुसैनिक
शौर्य चक्र प्राप्त करने वाले
- विंग कमांडर अभिमन्यु सिंह
- वीर चक्र प्राप्त करने वाले जवान:
- ग्रुप कैप्टन: आर. एस. सिद्धू, मनीष अरोड़ा, अनिमेष पाटनी, कुणाल कालरा
- विंग कमांडर: जॉय चंद्रा
- स्क्वाड्रन लीडर: सार्थक कुमार, सिद्धांत सिंह, रिज़वान मलिक
- फ्लाइट लेफ्टिनेंट: ए. एस. ठाकुर
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सीमा सुरक्षा बल (BSF) के वीर जवान
इसके अलावा, सीमा सुरक्षा बल के 16 जवानों को भी वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा। BSF ने दुश्मन के निगरानी कैमरों को नष्ट करने और पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को नाकाम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन जवानों ने अपने साहस से भारत की पहली सुरक्षा पंक्ति को मजबूत किया।
BSF के शहीद जवानों और सम्मानित कर्मियों की सूची
- व्यास देव (सब-इंस्पेक्टर) और सुद्दी राभा (कॉन्स्टेबल): अग्रिम मोर्चे पर तैनात होकर गोला-बारूद पहुंचाने के जोखिम भरे मिशन को अंजाम दिया।
- अभिषेक श्रीवास्तव (असिस्टेंट कमांडेंट) की टीम ने जम्मू के खड़कोला पोस्ट पर पाकिस्तानी ड्रोन को गिराया। इस कार्रवाई में एसआई मोहम्मद इम्तियाज और कॉन्स्टेबल दीपक चिंगाखम शहीद हुए।
- डिप्टी कमांडेंट रविंद्र राठौड़, इंस्पेक्टर देवी लाल, हेड कॉन्स्टेबल साहिब सिंह और कॉन्स्टेबल कंवराज सिंह: इन जवानों ने असाधारण साहस दिखाते हुए एक साथी की जान बचाई।
- एएसआई उदय वीर सिंह: जम्मू के जबोवाल पोस्ट पर दुश्मन की फायरिंग के बीच पाकिस्तानी निगरानी कैमरा और हेवी मशीन गन नेस्ट को नष्ट किया।
- एएसआई राजप्पा बीटी और कॉन्स्टेबल मनोहर जाल्क्सो: गोला-बारूद की आपूर्ति के दौरान घायल होने के बावजूद मिशन को पूरा किया।
- असिस्टेंट कमांडेंट आलोक नेगी और उनकी टीम: 48 घंटे तक लगातार दुश्मन पर सटीक मोर्टार फायर कर ऑपरेशनल बढ़त बनाए रखी।
पुरस्कारों का महत्व
यह पुरस्कार भारतीय सेना, वायुसेना और बीएसएफ के बहादुर जवानों की वीरता, शौर्य और साहस का प्रतीक हैं। इन जवानों ने देश की रक्षा में अपनी जान की बाजी लगाई। वे न केवल सीमा पर, बल्कि देश की सुरक्षा की पहली पंक्ति में भी अहम भूमिका निभाते हैं। वीर चक्र, शौर्य चक्र और वायुसेना मेडल जैसे सम्मान उनकी बहादुरी और साहस को प्रमाणित करते हैं।
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