भारत में रह रही हैं 5 लाख पाकिस्तानी लड़कियां, भाजपा सांसद बोले- आतंकवाद का नया चेहरा

भाजपा सांसद ने दावा किया है कि 5 लाख से अधिक पाकिस्तानी लड़कियां भारत में शादी करके रह रही हैं, जिन्हें नागरिकता नहीं मिली। इसे उन्होंने आतंकवाद का नया चेहरा बताया।

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Jitendra Shrivastava
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THE SOOTR

pakistani-girls-india Photograph: (THE SOOTR)

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भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने हाल ही में एक सनसनीखेज बयान दिया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि भारत में 5 लाख से अधिक पाकिस्तानी लड़कियां शादी करके रह रही हैं। इन महिलाओं को अब तक भारतीय नागरिकता नहीं दी गई है। दुबे ने इसे “आतंकवाद का नया चेहरा” करार दिया है और सवाल उठाया कि इन महिलाओं से कैसे निपटा जाएगा।

यह बयान उस समय आया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, खासकर 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले ने भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है।

दुबे के बयान पर प्रतिक्रियाएं और संदेह

निशिकांत दुबे के इस दावे के बाद सोशल मीडिया पर हलचल मच गई है। उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा कि पाकिस्तान से आई इन महिलाओं को बिना नागरिकता के भारत में रहना और यह भी एक गंभीर सुरक्षा खतरा बन गया है।
हालांकि, उनके इस दावे की पुष्टि के लिए कोई आधिकारिक आंकड़ा या विश्वसनीय स्रोत सामने नहीं आया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान सीमा पार विवाह काफी दुर्लभ हैं और इन महिलाओं को भारत में प्रवेश के लिए कड़े कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है।

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राजनीति और समाज में प्रतिक्रियाएं

भाजपा सांसद के बयान ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है। कुछ लोगों का मानना है कि इस तरह के बयान दोनों देशों के बीच पहले से ही मौजूद तनाव को और बढ़ाते हैं, जबकि कुछ लोग इसे सख्त सुरक्षा उपायों की आवश्यकता के रूप में देख रहे हैं।

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पाकिस्तान से 537 नागरिक लौटे

इस बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। 24 अप्रैल से 28 अप्रैल के बीच 537 पाकिस्तानी नागरिक ने भारत छोड़ने का निर्णय लिया, जिसमें नौ राजनयिक और अधिकारी शामिल थे। ये सभी अमृतसर स्थित अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से पाकिस्तान लौटे।
इस कार्रवाई के तहत, भारत सरकार ने पाकिस्तान से जुड़े 12 श्रेणियों के अल्पकालिक वीजा धारकों को भारत छोड़ने का नोटिस जारी किया था। इस नोटिस की समय सीमा 26 अप्रैल को समाप्त हुई।

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भारत से 850 भारतीय नागरिक लौटे

इसी दौरान, 850 भारतीय नागरिक जिनमें 14 राजनयिक और अधिकारी शामिल हैं, पाकिस्तान से वापस लौटे। यह कदम भारत सरकार द्वारा उठाए गए कई प्रतिबंधात्मक उपायों का हिस्सा था। इसके साथ ही सिंधु जल संधि को निलंबित करने का भी ऐलान किया गया।

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भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर असर

भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में बढ़ते तनाव के बाद दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। भारत ने न केवल पाकिस्तान से जुड़े नागरिकों के वीजा को निलंबित किया है, बल्कि पाकिस्तान के राजनयिकों को भी निष्कासित किया है। यह कदम उन घटनाओं का जवाब है जो भारत के लिए गंभीर सुरक्षा और सामरिक खतरे का कारण बन सकती हैं।

 

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