बचपन में देखा था अफसर बनने का सपना और रिश्वत लेते पकड़ी गईं किरण चौधरी
पीसीएस अधिकारी किरण चौधरी 70 हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ी गई हैं। विजलेंस टीम ने जाल बिछाकर उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार किया। दस्तावेज जब्त करने के बाद पूछताछ जारी है।
यह मामला उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले का है, जहां पर एक पीसीएस महिला अधिकारी रिश्वत लेते हुए पकड़ी गई हैं। विजलेंस (Vigilance) टीम ने महिला अधिकारी को रंगे हाथों 70 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। रिश्वत लेने वाली इस महिला का नाम किरण चौधरी है।
आखिर कौन हैं यह किरण चौधरी आइए विस्तार से जानते हैं?
किरण चौधरी मथुरा में जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) के पद पर तैनात है। वह सुल्तानपुर की रहने वाली हैं और 2020 में राज्य सिविल सेवा परीक्षा पास कर पीसीएस बनी थीं। खास बात यह है कि किरण चौधरी ने बिना कोचिंग के राज्य सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। जिसके बाद 2021 में उन्हें मथुरा में डीपीआरओ के पद नियुक्त किया गया था। शुरुआत से ही उन्हें एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में देखा जाता था, लेकिन इस रिश्वत कांड ने उनकी इस ईमानदार वाली छवि को तार-तार कर दिया।
बताया जा रहा है कि जब किरण चौधरी कक्षा 8 में पढ़ाई कर रही थी तब उनके स्कूल का निरीक्षण करने उस वक्त के डीएम आए थे। उन्हें देखकर किरण चौधरी ने अधिकारी बनने का सपना देखा था।
किरण कैसे फंसी रिश्वत मामले में?
एक ग्राम प्रधान ने शिकायत दर्ज कराई थी कि डीपीआरओ किरण चौधरी ने 70 हजार रुपए रिश्वत मांगी है। इसके बाद लखनऊ की विजलेंस टीम ने पूरी तैयारी के साथ उनके आवास पर छापा मारा। जैसे ही पीड़ित ने उन्हें रिश्वत की राशि दी, अधिकारियों ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद विजलेंस टीम ने उनके कार्यालय और आवास से दस्तावेज जब्त किए। टीम ने उनसे कई घंटे पूछताछ की और इसी मामले में उनके चालक विजेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।
आगे की कार्रवाई में विजलेंस अधिकारियों ने बताया कि डीपीआरओ और उनके चालक पर रिश्वत का मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्हें बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। प्रशासनिक हलकों में इस घटना के बाद हड़कंप मचा हुआ है।
किरण चौधरी मथुरा में जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) के पद पर तैनात पीसीएस अधिकारी हैं। उन्हें विजलेंस टीम ने 70 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। टीम ने छापा मारकर उनके आवास और कार्यालय से दस्तावेज जब्त किए। कई घंटे पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। उन्होंने 2020 में राज्य सिविल सेवा परीक्षा पास की और 2021 में डीपीआरओ बनीं।