लोकायुक्त का एक्शन, रिश्वत लेते ASI रंगे हाथों गिरफ्तार, जानें क्यों मांगी थी घूस

मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब भोपाल लोकायुक्त ने विदिशा में सिविल लाइन थाने के एएसआई को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। जानें क्यों मांगी थी रिश्वत

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Vikram Jain
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अविनाश नामदेव @ VIDISHA

मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लोकायुक्त का एक्शन लगातार जारी है। भष्ट्र अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के बाद भी रिश्वतखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। गिरफ्तारियों के बाद भी भ्रष्टाचारी सबक नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला विदिशा जिले से सामने आया जहां भोपाल लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सिविल लाइन थाने के एएसआई संजय सिंह चौहान को रिश्वत (Bribe) लेते गिरफ्तार किया है। एएसआई के खिलाफ पहले भी कई मामलों में कार्रवाई हो चुकी हैं।

क्यों मांगी थी रिश्वत

बताया जा रहा है कि 10 जनवरी को डाबर निवासी विक्रम अहिरवार के खिलाफ लूट और मारपीट का केस दर्ज हुआ था। जिसकी विवेचना सहायक उप निरीक्षक संजय सिंह चौहान द्वारा सिविल लाइन थाने में की जा रही थी। विक्रम को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन 16 जनवरी को वह जेल से छूटकर वापस आया। इसके बाद, एएसआई संजय सिंह ने विक्रम से 10 हजार की रिश्वत मांगी ताकि वह कोर्ट में उसका चालान पेश कर दे। 

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3 हजार 500 रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार

रिश्वत की डिमांड करने के बाद परेशान होकर विक्रम ने भोपाल लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक दुर्गेश राठौर से मामले में शिकायत कर दी। शिकायत का सत्यापन करवाया गया शिकायत सही पाए जाने पर इंस्पेक्टर रजनी तिवारी के नेतृत्व में टीम गठित की गई। इसके बाद सिविल लाइन थाना में 3 हजार 500 रुपए की रिश्वत लेते हुए एएसआई को गिरफ्तार कर लिया गया। इस गिरफ्तारी से यह साफ हो गया कि संजय सिंह ने अपनी भ्रष्ट आचरण को जारी रखते हुए रिश्वत की मांग की थी।

फरियादी ने पुलिस पर लगाए आरोप

फरियादी विक्रम अहिरवार का आरोप है कि एएसआई ने उस पर चोरी का केस लगाया था। साथ ही गुंडागर्दी, चोरी और गांजा रखने के झूठे आरोप लगाए गए थे। विक्रम का कहना था कि जब वह अपनी रिपोर्ट दर्ज कराने थाने जाता था, तो न तो रिपोर्ट लिखी जाती और न ही कोई कार्रवाई की जाती।

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कार्रवाई से कड़ा संदेश

लोकायुक्त की इस कार्रवाई ने जिले में पुलिस प्रशासन के भ्रष्टाचार को उजागर किया है और एक महत्वपूर्ण संदेश भेजा है। इस गिरफ्तारी के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि इस तरह के मामलों में और भी कड़ी कार्रवाई होगी, जिससे आम जनता में पुलिस पर विश्वास बढ़ेगा।

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