बालाघाट जिले में लोकायुक्त पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। लोकायुक्त टीम ने बैहर बीएमओ के क्लर्क प्रवीण जैन और उनके बेटे प्रिंस जैन को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। यह कार्रवाई डॉ. दिनेश कुमार मरकाम की शिकायत पर की गई थी, जिनसे बीएमओ ने क्लीनिक की चाबी देने के बदले रिश्वत की मांग की थी।
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दरअसल, आरोपी प्रवीण जैन ने 23 दिसंबर को संजीवनी दवाखाना सील किया था। जिसके बाद क्लिनिक संचालक डॉक्टर दिनेश मरकाम से सील बंद ताला की चाबी लौटाने के एवज में बाबू ने 50 हजार की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ने इसकी शिकायत जबलपुर लोकायुक्त में कर दी। शिकायत सही पाई जाने के बाद टीम ने जाल बिछाकर पैसे देने के लिए भेजा।
लोकायुक्त की बड़ी रेड
बालाघाट जिले में लोकायुक्त पुलिस ने बैहर बीएमओ के क्लर्क प्रवीण जैन और उनके बेटे प्रिंस जैन को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई सीलबंद क्लीनिक की चाबी देने के बदले रिश्वत लेने के आरोप में की गई। डॉ. दिनेश कुमार मरकाम, जिनका इलेक्ट्रो होम्योपैथी क्लीनिक बैहर बीएमओ की टीम द्वारा सील किया गया था, ने बताया कि बीएमओ ने क्लीनिक की चाबी देने के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।
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लोकायुक्त ने बिछाया जाल
डॉ. मरकाम ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और बीएमओ के क्लर्क और उनके बेटे को 30 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई एक सुनियोजित योजना के तहत की गई। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त पुलिस की लगातार छापेमारी जारी है, और यह कार्रवाई इस पहलू का हिस्सा है, जहां अधिकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। बालाघाट में इस बड़ी गिरफ्तारी ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की तत्परता को उजागर किया है।
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