महाकुंभ में केवल नाव चलाकर कमाए इतने करोड़, जानें क्या है सक्सेस स्टोरी

पिंटू और उनके परिवार ने 130 नावों को तैयार किया इसे चलाकर तगड़ी कमाई की। उन्होंने अपनी मां के जेवर तक गिरवी रख दिए थे, लेकिन इस फैसले के बाद उनकी खुशियां दोगुनी हो गईं। 

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Sandeep Kumar
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पिंटू मल्लाह इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। पिंटू ने अपनी नावों को चलाकर लाखों रुपए कमाए और इस दौरान उनकी सफलता की कहानी ने हर किसी का दिल छू लिया। यह कहानी संघर्ष, मेहनत और परिवार की एकता की मिसाल पेश करती है। पिंटू मल्लाह ने मीडिया से बातचीत करते हुए अपनी सक्सेस स्टोरी साझा की और बताया कि यह सफलता आसान नहीं थी, इसके लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया। दरअसल ये सक्सेस स्टोरी प्रयागराज महाकुंभ से सामने आई है...

परिवार की मेहनत और समर्पण

पिंटू मल्लाह के परिवार में लगभग 100 लोग हैं। यह परिवार कई महीनों पहले से महाकुंभ की तैयारी में जुट गया था। उनके परिवार ने कुल मिलाकर 130 नावों को तैयार किया, ताकि वे कुंभ मेला में उन नावों का इस्तेमाल कर सकें और अच्छी कमाई कर सकें। इसके लिए पिंटू ने अपनी मां के जेवर तक गिरवी रख दिए थे। इस फैसले को लेकर उनकी मां थोड़ी चिंतित थीं, लेकिन जब पिंटू को कुंभ में तगड़ी कमाई हुई, तो उनकी मां की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।

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30 करोड़ रुपए की कमाई

पिंटू के परिवार ने महाकुंभ में 45 दिन तक 130 नावों के जरिए करीब 30 करोड़ रुपए की कमाई की। एक नाव को तैयार करने में करीब 50-60 हजार रुपए का खर्च आता था, लेकिन जब उन्होंने यह नावें कुंभ मेला में चलाईं, तो एक दिन में एक नाव से 50 हजार रुपए तक की कमाई की। इसका मतलब एक नाव से एक महीने में 23 लाख रुपए तक की कमाई हुई।

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सीएम योगी ने किया इस परिवार का जिक्र 

सीएम योगी ने विधानसभा में इस परिवार की सफलता की कहानी बताई। उन्होंने कहा कि सपा कहती थी कि नाविकों का शोषण हो रहा है, नाविकों की देखभाल नहीं की जा रही है। मैं एक नाविक परिवार की सक्सेज स्टोरी बता रहा हूं। ये एक नाविक परिवार है, जिसके पास 130 नौकाएं थीं। 45 दिनों की अवधि में इन लोगों ने शुद्ध बचत 30 करोड़ रुपए की है। यानी एक नाव ने 45 दिनों में 23 लाख रुपए की बचत की है। प्रतिदिन की उनकी बचत देखेंगे तो एक नाव 50 से 52 हजार कमा रही थी।

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श्रद्धालुओं से किराया और पारदर्शिता
कुंभ मेले के दौरान पिंटू के परिवार ने श्रद्धालुओं से मनमाना किराया नहीं लिया। उनका कहना था कि उन्होंने केवल सरकारी निर्धारित किराया लिया, जो 483 रुपए प्रति व्यक्ति था। हालांकि, कुछ श्रद्धालु अपनी इच्छा से उन्हें दान भी दे रहे थे। पिंटू ने कहा कि उनकी नावों का किराया फिक्स था, और वे किसी भी श्रद्धालु से अतिरिक्त पैसा नहीं ले रहे थे।

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महाकुंभ की सफलता में योगदान

पिंटू मल्लाह का मानना है कि महाकुंभ में भागीदारी से उनका परिवार आर्थिक रूप से समृद्ध हुआ है। पिंटू ने कहा, हमारे पास खुद 70 नावें हैं और हर परिवार के पास 10-20 नावें थीं। हमारे गांव के हर व्यक्ति ने इस अवसर का पूरा लाभ उठाया और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया, जिनकी वजह से इस आयोजन में नाविकों को विशेष ध्यान मिला।

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