पीएम मोदी ने की स्वदेशी और जीएसटी पर बड़ी घोषणाएं, 22 सितंबर से बदल जाएगी आपकी खरीदारी!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने 22 सितंबर से शुरू होने वाले जीएसटी बचत उत्सव और आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा की। मोदी ने जीएसटी सुधार, स्वदेशी सामान की खरीदारी और MSMEs को सशक्त बनाने पर जोर दिया।

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Sandeep Kumar
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देशभर में 22 सिंतबर से जीएसटी की नई दरें लागू हो जाएगी। इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया है। मोदी ने 22 सितंबर से जीएसटी बचत उत्सव की शुरुआत की घोषणा की। इसके अंतर्गत, जीएसटी दरों में कमी की जाएगी, जिससे विभिन्न सामानों की कीमतों में कमी आएगी। सभी वर्गों के लिए फायदेमंद होगा। मोदी ने अपील की कि लोग वही सामान खरीदें जिनमें भारतीयों का पसीना और मेहनत हो, यानी स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में MSMEs की भूमिका 

प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों) को केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए MSMEs को सशक्त बनाना जरूरी है। जिन उत्पादों को हम देश में बना सकते हैं, उन्हें हमें यहीं पर बनाना चाहिए और उनकी गुणवत्ता को बेहतर बनाकर दुनिया में भारत का नाम रोशन करना चाहिए।

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दुकानदारों-जीएसटी के बदलाव पर बयान 

प्रधानमंत्री मोदी ने दुकानदारों और व्यापारियों के उत्साह का जिक्र करते हुए कहा कि जीएसटी के बदलाव से उन्हें कस्टमर्स तक लाभ पहुंचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि यदि हम जीएसटी और इनकम टैक्स छूट को जोड़ते हैं, तो देश के नागरिकों को कुल 2.5 लाख करोड़ रुपए की बचत होगी।

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गरीबों को मिलने वाला डबल बोनांजा 

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अब गरीबों को डबल बोनांजा मिल रहा है। जीएसटी दरों में कमी के कारण गरीबों के लिए घर बनाना, टीवी, फ्रिज, बाइक और स्कूटर खरीदने में खर्च कम होगा। इसके अलावा, यात्रा पर भी खर्च कम होगा। यह कदम गरीबों के जीवन में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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गरीबी से बाहर आए 25 करोड़ लोग

प्रधानमंत्री ने 11 वर्षों में 25 करोड़ लोगों के गरीबी से बाहर आने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने न्यू मिडिल क्लास के रूप में अपनी भूमिका निभाई है। इस साल सरकार ने 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स छूट देकर मिडिल क्लास को एक उपहार दिया है, जिससे उनके जीवन स्तर में बदलाव आया है।

जीएसटी में नई दरें

प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की कि अब सिर्फ 5% और 18% की जीएसटी दरें ही लागू होंगी। रोजमर्रा की चीजें और खाने-पीने के सामान सस्ते हो जाएंगे, और 12% वाले सामानों में से 99% को अब 5% की जीएसटी दर में शामिल कर लिया गया है। इससे आम आदमी की खरीदारी में राहत मिलेगी।

पीएम मोदी की 5 बड़ी बातें

👉 पीएम मोदी ने नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी की शुरुआत का ऐलान किया, जो 22 सितंबर से लागू होने जा रहा है। इस बदलाव से आम आदमी की बचत बढ़ेगी और वह अपनी पसंदीदा चीजें सस्ते दामों में खरीद पाएंगे। 

👉पीएम मोदी ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया की बात की। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के तहत भारत में टैक्स की एक समान नीति लागू हुई, जिससे पहले विभिन्न टैक्स सिस्टम की जटिलताओं से राहत मिली। 

👉पीएम मोदी ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और नए मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। इस बदलाव से इनकम टैक्स की सीमा को 12 लाख रुपये तक बढ़ाया गया है, जिससे मिडिल क्लास को वित्तीय राहत मिली है।

👉पीएम मोदी ने MSME को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जीएसटी की दरों में कमी और प्रक्रियाओं को सरल बनाने से MSME को फायदा मिलेगा, जिससे उनकी बिक्री बढ़ेगी और टैक्स में कमी आएगी। 

👉 प्रधानमंत्री ने स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की। उनका कहना था कि हर भारतीय को स्वदेशी सामान खरीदने और बेचने पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकारों से भी यह अपील की कि वे मैन्युफैक्चरिंग को गति दें और निवेश के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार करें। 

वन नेशन, वन टैक्स का सपना साकार

प्रधानमंत्री मोदी ने वन नेशन, वन टैक्स के सपने को पूरा होने की बात कही। उन्होंने बताया कि यह जीएसटी रिफॉर्म्स एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, जो समय और जरूरत के अनुसार बदलती रहती है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद ऐसा बड़ा टैक्स रिफॉर्म संभव हुआ है, जो देश के हर नागरिक को लाभ पहुंचा रहा है।

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समस्या का समाधान ढूंढने का प्रयास

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब उन्होंने 2014 में सरकार का कार्यभार संभाला, तो उन्होंने जीएसटी को प्राथमिकता दी। उन्होंने राज्य सरकारों और स्टेकहोल्डर्स से बात की और सभी समस्याओं का समाधान ढूंढा। इसके परिणामस्वरूप, आजाद भारत में जीएसटी जैसे बड़े रिफॉर्म्स संभव हो सके हैं।

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