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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (30 मार्च) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के दिल्ली स्थित मुख्यालय केशव कुंज पहुंचे। वे सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक वहां रहे। प्रधानमंत्री मोदी 11 साल आठ महीने बाद संघ मुख्यालय पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) के स्मृति मंदिर में श्रद्धांजलि अर्पित किए। प्रधानमंत्री ने 34 मिनट के भाषण में कई मुद्दों पर बात की। इस दौरान उन्होंने संघ को वट वृक्ष बताया।
प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार RSS मुख्यालय पहुंचे
प्रधानमंत्री बनने के बाद यह नरेंद्र मोदी का पहला आरएसएस मुख्यालय दौरा था। इससे पहले, जुलाई 2013 में वे लोकसभा चुनावों की रणनीति बनाने के लिए नागपुर में हुई बैठक में शामिल हुए थे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने माधव नेत्रालय के एक्सटेंशन बिल्डिंग की आधारशिला रखी थी। बता दें बतौर प्रधानमंत्री संघ के मुख्यालय जाने वाले वे दूसरे प्रधानमंत्री हैं। इसके पहले पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 27 अगस्त 2000 को संघ कार्यालय का दौरा किया था।
महाराष्ट्र | नागपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए PM नरेंद्र मोदी ने गुड़ी पड़वा के अवसर पर लोगों को मराठी में दी शुभकामनाएं। देखें Video
— TheSootr (@TheSootr) March 30, 2025
➡ इस दौरान RSS प्रमुख मोहन भागवत, महाराष्ट्र के CM देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी रहे मौजूद। #RSS #PMModi… pic.twitter.com/yKtZcjhPVo
राष्ट्रीय चेतना का बीज विशाल वटवृक्ष बन गया:पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 34 मिनट के संबोधन में भारत के इतिहास, भक्ति आंदोलन, संतों की भूमिका, आरएसएस की कार्यप्रणाली और देश के विकास में युवाओं की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद से लेकर डॉक्टर साहब तक, किसी ने भी राष्ट्रीय चेतना को बुझने नहीं दिया। राष्ट्रीय चेतना का यह बीज आज एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है। 100 वर्ष पूर्व बोया गया राष्ट्रीय चेतना का बीज आज एक महान वटवृक्ष के रूप में खड़ा है, जिसकी ऊंचाई सिद्धांत और आदर्शों से मिलती है। जो करोड़ो स्वयंसेवकों को प्रेरित करती है।
हजारों आक्रमण झेलकर भारत एकजुट हुआ
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास में कई आक्रमण हुए, लेकिन भारत की चेतना कभी नहीं मिटी। मध्यकाल में भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रीय चेतना को नई ऊर्जा दी। महान संतों जैसे गुरु नानक देव, कबीरदास, तुलसीदास ने समाज में एकता और प्राण फूंका। उन्होंने भेदभाव के बंधनों को तोड़कर समाज को एकजुट किया।
भारत दुनिया की मदद करने वाला देश बना
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में भारत की वैश्विक भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का सिद्धांत आज पूरे विश्व में गूंज रहा है। कोविड-19 महामारी के दौरान, भारत ने कई देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराई। आपदाओं के समय, जैसे कि म्यांमार और नेपाल में भूकंप या मालदीव में जल संकट, भारत ने त्वरित सहायता पहुंचाई। युद्धग्रस्त क्षेत्रों से भी भारत ने अन्य देशों के नागरिकों को सुरक्षित निकाला।
एम्स (AIIMS) की संख्या दोगुनी की
प्रधानमंत्री मोदी ने माधव नेत्रालय की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान दशकों से लाखों लोगों की सेवा कर रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला। एम्स (AIIMS) की संख्या दोगुनी की गई। मेडिकल सीटों में बढ़ोतरी, ताकि गरीब छात्रों को डॉक्टर बनने का अवसर मिल सके। मातृभाषा में मेडिकल शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई गई। आयुष्मान भारत योजना के तहत करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है।
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