पीएम श्री योजना केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना में सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करना है। जिससे बच्चों की अच्छी और बेहतर शिक्षा मिल सके। लेकिन केंद्र सरकार ने पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल को मिलने वाली फंडिंग रोक दिया है। केंद्र सरकार ने इन तीनों राज्यों को समग्र शिक्षा अभियान के तहत फंड देना बंद किया है। फंज इसलिए बंद किया क्योंकि इन राज्यों ने केंद्र सरकार की PM-SHRI यानी पीएम-स्कूल फॉर राइजिंग योजना स्कीम से जुड़ने से इंनकार कर दिया है।
क्या है योजना से जुड़ने में दिक्कत
जो 3 राज्यों ने PM-SHRI योजना से जुड़ने से मना किया है, वहां विपक्षी पार्टियों की सरकार है। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी तो पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी की सरकार है। दिल्ली और पंजाब ने इस योजना से जुड़ने से इसलिए किया है क्योंकि इन राज्यों में पहले से ही स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस और स्कूल ऑफ एमिनेंस योजनाएं पहले से लागू हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार वाले इन दोनों राज्यों में सरकारी स्कूलों को वर्ल्ड क्लास लेवल पर तैयार करने के लिए ये योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसलिए ये राज्य PM-SHRI योजना से नहीं जुड़ रहे हैं। साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार ने इस योजना के नाम पर आपत्ति जताई है। पश्चिम बंगाल सरकार का कहना है कि वो पहले से ही आर्थिक बोझ का सामना कर रही है और इस योजना की 40% लागत नहीं उठा सकती।
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पीएम श्री योजना क्या है
योजना को 7 सितंबर 2022 को लॉन्च किया गया था। योजना का मकसद देशभर के 14 हजार 500 सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करना है और बाकी स्कूलों के लिए मिसाल के तौर पर पेश करना है। इन स्कूलों में नई शिक्षा नीति भी लागू की गई है। योजना में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय सरकारों की ओर से चल रहे सरकारी स्कूल शामिल हैं। पीएम श्री डैशबोर्ड के अनुसार अब तक इस योजना के तहत देशभर के 10,077 स्कूल जुड़ गए हैं। इनमें से 839 केंद्रीय विद्यालय और 599 नवोदय विद्यालय शामिल हैं। ये दोनों ही स्कूल केंद्र सरकार चलाती है। बाकी के 8,639 स्कूल राज्य सरकार या स्थानीय सरकारों के ही हैं। योजना पर 2026-27 तक कुल 27 हजार 360 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें से 18 हजार 128 करोड़ रुपए केंद्र सरकार खर्च करेगी। बाकी के 9 हजार 232 करोड़ रुपए का खर्च राज्य सरकार उठाएगी।
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पीएम श्री योजना शर्तें
योजना से जुड़ने के लिए शर्तें होती हैं। जो स्कूल इस योजना से जुड़ना चाहते हैं, उन्हें इन शर्तों को पूरा करना पड़ता है। स्कूल की पक्की इमारत और लड़के-लड़कियों के लिए कम से कम एक टॉयलेट जैसी शर्तें शामिल हैं। योजना से जुड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। फिर इन स्कूलों को इवैल्युएट किया जाता है। शहरी इलाकों के स्कूलों को 70% और ग्रामीण इलाकों के स्कूलों को 60% लाने होते हैं। इसके बाद राज्य सरकार स्कूल की लिस्ट केंद्र को भेजती है और फिर इनका चयन होता है।
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