उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 123 लोगों की मौत हो गई है। इस मामले में आश्रम के मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर सहित अन्य आयोजकों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है।
हालांकि कार्यक्रम में सत्संग देने वाले भोले बाबा के खिलाफ अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं की गई है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या बाबा को बचाया जा रहा है। अगर हां तो इसके पीछे की वजह आखिर है क्या-
कई राज्यों में बाबा के भक्त
भोले बाबा का सत्संग सुनने हाथरस में ढाई लाख से भी ज्यादा लोग आए थे। ये लोग उत्तर प्रदेश समेत पड़ोसी राज्यों के भी थी। भोले बाबा के भक्त यूपी के अलावा, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान में भी हैं।
बाबा के भक्तों में ज्यादातर दलित आबादी आती है। कुछ क्षेत्रों में ओबीसी वर्ग के लोग भी भोले बाबा के भक्त हैं। इन लोगों की बाबा पर इतनी आस्था है कि हादसे के बाद भी भक्त बाबा को जिम्मेदार नहीं मान रहे।
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भोले बाबा का वोट बैंक
भोले बाबा पर अब तक केस दर्ज न होने के पीछे पॉलिटिकल एंगल भी हो सकता है। बाबा पर केस दर्ज होने से दलित आबादी आक्रोशित हो सकती है। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में बाबा की अच्छी खासी पकड़ है। यहां के 50 लाख से ज्यादा दलित, सीधे तौर पर भोले बाबा के अनुयायी हैं।
इस इलाके में लोकसभा की 27 और विधानसभा की 137 सीटें आती हैं। पश्चिम यूपी के जिन 26 जिलों में बाबा की पकड़ है वहां 22 परसेंट दलित आबादी है। यहां 17 परसेंट ओबीसी वर्ग के लोग भी रहते हैं। बाबा पर सीधे कार्रवाई कर इन लोगों को नाराज किया जा सकता है। ऐसे में राजनीतिक लाभ के लिए बाबा को बचाए जाने की आशंका है।
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कई राज्यों की दलित आबादी पर प्रभाव
उत्तर प्रदेश के अलावा, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली जैसे कई राज्यों में बाबा के भक्त हैं। बाबा के अनुयायियों में ST, SC, और OBC वर्ग के लोग आते हैं। बाबा पर कार्रवाई का इन राज्यों की ST, SC, और OBC बहुल इलाकों की सीटों पर प्रभाव पड़ सकता है।
हरियाणा में 21 परसेंट दलित आबादी है। यहां लोकसभा में 2 और विधानसभा में 17 सीटें आरक्षित हैं।
इसी तरह पंजाब में 32 परसेंट दलित आबादी है। यहां लोकसभा में 4 और विधानसभा में 34 सीटें आरक्षित हैं।
राजस्थान में 16 परसेंट दलित आबादी है। लोकसभा की 7 सीटें और विधानसभा की 59 सीटें आरक्षित हैं।
मध्य प्रदेश में भी 15 परसेंट दलित आबादी है। यहां की 29 लोकसभा सीटों में से 10 आरक्षित है। विधानसभा की भी 47 सीटें आरक्षित है।
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