अब राज्यसभा में नजर आएंगे देश के ये चार दिग्गज, राष्ट्रपति ने किया नॉमिनेट

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार लोगों को नॉमिनेट किया है, जिसमें वकील उज्ज्वल निकम, इतिहासकार मीनाक्षी जैन, डिप्लोमैट हर्षवर्धन श्रृंगला और समाजसेवी सी. सदानंदन शामिल हैं। नियुक्तियां राज्यसभा में रिक्त हुई सीटों पर की गई हैं।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा में चार नए सदस्यों को नॉमिनेट किया है। इनमें प्रसिद्ध वकील उज्ज्वल निकम, भारत के पूर्व विदेश सचिव रहे हर्षवर्धन श्रृंगला, सम्मानित इतिहासकार मीनाक्षी जैनऔर जाने-माने समाजसेवी सी. सदानंदन  शामिल हैं। इन सभी को राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। यह नियुक्तियां बीते दिनों राज्यसभा में रिक्त हुई सीटों को भरने के उदृेश्य से की गई हैं। 

राज्यसभा में ऐसे चुने जाते हैं सांसद

राज्यसभा भारत की संसद का उच्च सदन है और इसके सदस्य विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले होते हैं। राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव सीधे जनता द्वारा नहीं होता, बल्कि विभिन्न विधानसभाओं और राष्ट्रपति द्वारा नामांकित सदस्यों के द्वारा इस सदन की संरचना तय की जाती है।

भारत के संविधान के अनुच्छेद 80(3) के अनुसार, राज्यसभा में 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नॉमिनेट किए जाते हैं, जिन्हें कला, साहित्य, विज्ञान, और सामाजिक सेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान के आधार पर चुना जाता है। 

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राज्यसभा में नामित सदस्यों की विशेषताऐं

  1. उज्ज्वल निकम (Ujjwal Nikam)
    उज्ज्वल निकम एक प्रसिद्ध वकील हैं जो 26/11 के मुंबई हमले जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के तौर पर काम कर चुके हैं। उनके योगदान को देखते हुए राष्ट्रपति ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया है।

  2. मीनाक्षी जैन (Meenakshi Jain)
    मीनाक्षी जैन एक प्रमुख इतिहासकार हैं जिन्होंने भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके शोध और साहित्यिक योगदान को सराहा गया है।

  3. हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla)
    हर्षवर्धन श्रृंगला भारत के पूर्व विदेश सचिव हैं और उनके कूटनीतिक अनुभव ने उन्हें एक महत्वपूर्ण राजनेता बना दिया है। उनके अनुभव का उपयोग राज्यसभा में किया जाएगा।

  4. सी. सदानंदन (C. Sadanandan)
    सी. सदानंदन एक प्रसिद्ध समाजसेवी और शिक्षाविद हैं। उन्होंने केरल में कई सामाजिक और शैक्षिक सुधारों की दिशा में काम किया है और उनके योगदान को राष्ट्र ने पहचाना है। 

 

राज्यसभा और लोकसभा के बीच अंतर

भारतीय संसद में दो सदन होते हैं - लोकसभा और राज्यसभा। राज्यसभा, जिसे 'Council of States' भी कहा जाता है, एक स्थायी सदन है और इसका कार्यकाल छह साल होता है। हर दो साल में राज्यसभा के एक तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं, जिनकी जगह नए सदस्य आते हैं। राज्यसभा के सदस्य मुख्य रूप से अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं, और इसके सदस्य विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आते हैं। 

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कैसे होता है राज्यसभा के सांसदों का चुनाव?

राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव जनता द्वारा नहीं, बल्कि अप्रत्यक्ष तरीके से किया जाता है। इसमें प्रत्येक राज्य के विधायक (MLAs) वोट डालते हैं। इस प्रकार, राज्यसभा के सदस्य राज्यों की विधानसभा द्वारा चुने जाते हैं। इसके अलावा, 12 सदस्य ऐसे होते हैं जिन्हें राष्ट्रपति नामित करते हैं। ये सदस्य विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के आधार पर चुने जाते हैं, जैसे कि कला, साहित्य, विज्ञान, और समाज सेवा।

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