संविधान की ताकत को याद दिलाकर सरकार पर बरसीं प्रियंका

प्रियंका गांधी ने अपने पहले संसद भाषण में संविधान की ताकत का जिक्र करते हुए न्याय, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और समानता के अधिकार पर चर्चा की। उन्होंने जातीय जनगणना और आर्थिक न्याय पर भी सवाल उठाए।

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Raj Singh
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प्रियंका गांधी ने अपने पहले संसद भाषण में उत्तर प्रदेश के कई गंभीर मुद्दों पर अपनी आवाज उठाई। संविधान पर चर्चा करते हुए उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का उल्लेख किया और कहा कि यह संघर्ष अहिंसा और सत्य पर आधारित था। उनका मानना था कि हमारे संविधान में निहित न्याय, अभिव्यक्ति और समानता का अधिकार हर भारतीय को न्याय दिलाने की ताकत देता है।

उन्नाव की रेप पीड़िता को याद किया

प्रियंका ने उन्नाव की रेप पीड़िता की दर्दनाक कहानी सुनाते हुए संविधान की ताकत को सराहा, जिसने उस लड़की को न्याय के लिए लड़ने की हिम्मत दी। उन्होंने आगरा में अरुण वाल्मीकि के परिवार के साथ हुई हिंसा का जिक्र करते हुए बताया कि संविधान ने उस परिवार को न्याय की उम्मीद दी। संभल के बच्चों की हत्या का उदाहरण देते हुए उन्होंने संविधान के प्रभाव को उजागर किया, जिसने बच्चों को अपने सपनों को पूरा करने की उम्मीद दी।

लैटरल एंट्री की आलोचना

प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान का सुरक्षा कवच, जो हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सुरक्षा देता है, उनको सत्ता पक्ष द्वारा कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार निजीकरण और लैटरल एंट्री के माध्यम से आरक्षण को कमजोर कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि लोकसभा चुनाव में विपक्ष को हार का सामना नहीं करना पड़ता तो संविधान में बदलाव की कोशिशें तेज हो जातीं।

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जातीय जनगणना पर सरकार के रवैये पर भी सवाल

प्रियंका ने जातीय जनगणना पर सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाए और कहा कि संविधान ने आर्थिक न्याय का वादा किया था, लेकिन वर्तमान सरकार इसे तोड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए ऐतिहासिक कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि आज की सरकार ने नारी शक्ति का अधिकार देने की बजाय उसे नजरअंदाज किया है।

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अडाणी का मामला भी उठाया

प्रियंका ने आर्थिक न्याय के नाम पर सरकार के फैसलों की आलोचना की और कहा कि यह सरकार सिर्फ एक व्यक्ति के फायदे के लिए काम कर रही है, जबकि देश की जनता को इसके फैसलों से कोई राहत नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष की कथनी और करनी में अंतर है और जनता समझ रही है कि सरकार के फैसले केवल कुछ खास लोगों के फायदे के लिए हो रहे हैं।

FAQ

प्रियंका गांधी ने अपने पहले संसद भाषण में किस मुद्दे पर बात की?
प्रियंका गांधी ने अपने पहले संसद भाषण में संविधान, न्याय, और उत्तर प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा की।
प्रियंका गांधी ने उन्नाव में किस घटना का जिक्र किया?
प्रियंका गांधी ने उन्नाव की रेप पीड़िता के परिवार के संघर्ष का जिक्र करते हुए संविधान की ताकत को सराहा।
प्रियंका गांधी ने आगरा में किस घटना का उल्लेख किया?
प्रियंका गांधी ने आगरा में अरुण वाल्मीकि के परिवार के साथ हुई हिंसा का जिक्र किया और बताया कि संविधान ने उस परिवार को न्याय की उम्मीद दी।
प्रियंका गांधी ने संविधान को लेकर क्या कहा?
प्रियंका गांधी ने संविधान को न्याय, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और समानता का अधिकार देने वाली ताकत बताया।
प्रियंका गांधी ने सरकार पर क्या आरोप लगाए?
प्रियंका गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह निजीकरण और लैटरल एंट्री के माध्यम से संविधान को कमजोर कर रही है और आरक्षण को कम कर रही है।

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