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प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, यह भगदड़ एक साजिश का हिस्सा हो सकती है, जिस पर जांच जारी है। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि किसी खास मकसद से महाकुंभ में भगदड़ मचाई गई थी।
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भगदड़ का समय और नुकसान
घटना के दिन, मौनी अमावस्या के अवसर पर महाकुंभ में भगदड़ मची थी। यह भगदड़ तड़के 2 बजे के आसपास हुई थी। प्रशासन ने करीब 16 घंटे बाद यह जानकारी दी कि इस हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। वहीं, विपक्ष ने आरोप लगाया है कि प्रशासन मृतकों की संख्या को छुपा रहा है, लेकिन अब जांच एजेंसियां इस घटना में साजिश का पहलू जोड़ने के बारे में सोच रही हैं।
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एसटीएफ की साजिश के एंगल से जांच
सूत्रों के अनुसार, यूपी एसटीएफ ने इस घटना की जांच को साजिश के एंगल से शुरू किया है। इस सिलसिले में संगम नोज के आसपास मौजूद करीब 16,000 से अधिक नंबरों का डेटा एनालिसिस किया जा रहा है। यह जानकारी सामने आई है कि घटना के बाद कई संदिग्ध नंबर बंद हो गए हैं, जो एसटीएफ के लिए एक चौंकाने वाली बात है।
सीसीटीवी और फेस रिकग्निशन ऐप का इस्तेमाल
एसटीएफ अब घटना के दिन महाकुंभ स्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने में जुटी हुई है। इसके लिए फेस रिकग्निशन ऐप का भी इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की जा सके। सभी संदिग्धों पर एसटीएफ की कड़ी नजर है, और इन सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है।
सुरक्षा एजेंसियों का हाई अलर्ट
प्रयागराज महाकुंभ में होने वाली किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचने के लिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस समय हाई अलर्ट पर हैं। आगामी 3 फरवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर अमृत स्नान का आयोजन किया जाएगा, जिसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया गया है।
यूपी पुलिस का डेरा
यूपी पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी महाकुंभ में स्थिति की निगरानी करने के लिए तैनात हैं। इन अधिकारियों ने महाकुंभ के विभिन्न स्थानों पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अमृत स्नान के दौरान किसी भी प्रकार की अनहोनी न हो।
भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे?
एसटीएफ की जांच अब यह तय करेगी कि महाकुंभ में हुई भगदड़ साजिश का हिस्सा थी या नहीं। फिलहाल जांच जारी है, और सुरक्षा एजेंसियां किसी भी प्रकार के संदिग्ध गतिविधियों से बचने के लिए पूरी तरह से अलर्ट हैं।
प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल
घटना के तुरंत बाद प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि प्रशासन मृतकों की संख्या को छुपा रहा है। हालांकि, अब जब एसटीएफ साजिश के कोण पर जांच कर रही है, तो यह सवाल उठता है कि क्या महाकुंभ में यह भगदड़ वाकई एक सोची-समझी साजिश थी।
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