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Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। हर दिन महाकुंभ में जनसैलाब उमड़ रहा है। कुंभ मेला जाने के लिए ट्रेनों भीड़ बढ़ती जा रही हैं। स्थिति यह है कि प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में पैर रखने की जगह नहीं है। इसी बीच एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। बिहार के मुजफ्फरपुर का यात्री टिकट होने के बाद भी ट्रेन में चढ़ नहीं पाया, कारण था ट्रेन में भीड़.... यात्री को जिस ट्रेन से प्रयागराज जाना था भीड़ के कारण ट्रेन का दरवाजा ही नहीं खोला गया। और ट्रेन छूट गई। इस कारण उन्हें महाकुंभ में अमृत स्नान का अवसर गंवाना पड़ा। अब रेलवे प्रशासन की लापरवाही को लेकर यात्री ने रेलवे को नोटिस भेजकर 50 लाख रुपए का हर्जाना मांगा है।
मौनी अमावस्या पर कुंभ स्नान का था प्लान
रेलवे से आर्थिक और मानसिक हर्जाने के रूप में 50 लाख रुपए की राशि की मांग करने वाले मुजफ्फरपुर के यात्री का नाम राजन झा है। गायघाट थाना क्षेत्र निवासी राजन झा का कहना है कि उन्होंने अपने सास-ससुर के साथ 27 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान करने की प्लानिंग की थी। इसके लिए उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के थर्ड एसी कोच में तत्काल टिकट बुक किया था। उनकी B3 कोच में 45, 46 और 47 नंबर की सीटें थीं। ट्रेन का निर्धारित टाइम रात 9:30 बजे था, वह शाम 7 बजे स्टेशन पहुंच गए थे।
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भीड़ के कारण ट्रेन में चढ़ने में हुई कठिनाई
राजन झा के अनुसार, स्टेशन पर भारी भीड़ थी और जब ट्रेन आई, तो उनके कोच का गेट अंदर से बंद था। कई प्रयासों के बाद भी गेट नहीं खोला गया। इसके बाद उन्होंने रेलवे कर्मचारियों से मदद मांगी, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। रेलवे अधिकारियों ने मदद नहीं की, नतीजतन, ट्रेन का दरवाजा बंद होने की वजह से राजन झा और उनके परिजन ट्रेन में नहीं चढ़ सके और ट्रेन रवाना हो गई। रेल प्रशासन की इस लापरवाही के कारण वह प्रयागराज में मौनी अमावस्या का अमृत स्नान करने से वंचित हो गए।
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आर्थिक और मानसिक नुकसान का दावा
राजन झा के अनुसार, महाकुंभ में स्नान का यह अवसर सालों बाद आया था और वह मोक्ष की प्राप्ति के लिए मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करना चाहते थे, लेकिन रेलवे की लापरवाही की वजह से उन्हें यह अवसर गंवाना पड़ा। राजन झा ने रेलवे की लापरवाही के कारण मानसिक और आर्थिक क्षति का सामना किया। उन्होंने कानूनी नोटिस के माध्यम से रेलवे से 50 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत सेवा में कमी का मामला बनता है।
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रेलवे को भेजा कानूनी नोटिस, मांगा हर्जाना
राजन झा ने अब अपने वकील सुबोध कुमार के माध्यम से लीगल नोटिस रेलवे को भेजा है, जिसमें 50 लाख रुपए का हर्जाना मांगा है। यह कानूनी नोटिस रेलवे के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भेजा गया है। नोटिस में रेलवे को 15 दिनों के भीतर हर्जाना देने का समय दिया गया है। यदि रेलवे ने उचित कदम नहीं उठाया, तो राजन झा न्यायालय में मुकदमा दायर करेंगे।